दिल्ली गैंगरेप, बदलेगी किशोर की परिभाषा!
* दिल्ली गैंगरेप, सुप्रीम कोर्ट का अहम निर्णय* सुप्रीम कोर्ट किशोर की परिभाषा पर विचार करेगा* एटॉर्नी जनरल करेंगे अदालत की मदद* उच्चतम न्यायालय का अहम निर्णयक्या कहा चिदंबरम ने....* महिला सुरक्षा पर सरकार गंभीर।* तुरंत कदम उठाने के लिए लाए अध्यादेश।* अध्यादेश से जल्द कानून मुमकिन।* बजट सत्र के दौरान संसद में पेश होगा अध्यादेश* मजबूत कानून से अपराध कम होंगे।* संसद से अध्यादेश को पास कराएंगे।* कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करें लोग* महिला अपराध में दोषियों को जल्द सजा होगी।*वैवाहिक बलात्कार पर गहन समीक्षा होगी।* जल्द और निष्पक्ष सुनवाई पर जोर* जस्टीस वर्मा कमेटी की कुछ सिफारिशें नहीं मानी* मतभेत के चलते कुछ सिफारिश नहीं मानी* अपराध कानून संशोधन पर बिल लंबित* कड़े कानून बनाने तक मौजूदा से कार्रवाई*अध्यादेश पर सभी पार्टियों से चर्चा करेंगे।*वर्मा कमेटी की कुछ सिफारिशों पर बहस की जरूरत।*आम सहमति वाली सिफारिशें मानी।*कोई भी सिफारिश अभी खारिज नहीं की।*सभी सूझावों पर विचार होगा।*मजबूत कानून से अपराध कम होंगे।*रेप में हत्या पर फांसी की सजा।*रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस में कोई बदलाव नहीं।*बाल अपराध कानून को कड़ा बनाने की कोशिश।*अध्यादेश की जगह लेने वाले प्रस्तावित विधेयक पर और विचार-विमर्श किया जाएगा।*विधेयक महिलाओं की सुरक्षा और दोषी को दंडित करने के लिए कारगर कानून की तत्काल आवश्यकता पर व्यापक संभव आम सहमति को परिलक्षित करेगा।*सरकार को उम्मीद है कि संसद द्वारा नया कानून बनाए जाने तक अध्यादेश के कठोर प्रावधानों का संभावित अपराधियों पर प्रतिरोधक प्रभाव होगा।*जेवेनाइल जस्टिस अगल कानून।क्या कहता है जुवेनाइल ऐक्ट : जुवेनाइल ऐक्ट के सेक्शन 15 के मुताबिक यदि आरोपी की उम्र 16 से 18 के बीच है और वह किसी भी मामले में दोषी करार दिया जाता है तो उसे 3 साल तक सुधार गृह में रखा जा सकता है। इस अधियिनम में तीन साल सुधार गृह के लिए अधिकतम वक्त है। इस स्थिति में आरोपी की उम्र 18 साल होने पर उसे उसे रिहा कर दिया जाता है।