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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) , शुक्रवार, 12 जून 2009 (22:27 IST)

'कश्मीर मसले पर तीसरे पक्ष की गुंजाइश नहीं'

''कश्मीर मसले पर तीसरे पक्ष की गुंजाइश नहीं'' -
कश्मीर मसले पर अपने रुख पर कायम रहते हुए कांग्रेस ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि इस संबंध में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।

कश्मीर मसले में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को लेकर किए गए सवालों के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। सिर्फ सरकार का नहीं बल्कि राज्य की जनता का भी यही रुख है।

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी विदेश उप मंत्री विलियम बर्न्स ने बयान दिया है कि कश्मीर मसले का समाधान करने में राज्य की जनता की आकांक्षाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।

बर्न्स ने कल संवाददाताओं से कहा था हमारा मानना है कि कश्मीर मुद्दे के समाधान में कश्मीरी जनता की इच्छा का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।

तिवारी ने कहा कि राज्य का प्रमुख मुद्दा मूलभूत सुविधाएँ मुहैया कराना और वहाँ की जनता के कल्याण का है। राज्य की जनता ने हाल में संपन्न विधानसभा और लोकसभा चुनावों में निर्णायक रूप से कह दिया है कि वे क्या चाहते हैं।

यह पूछने पर कि कहीं अमेरिका के साथ परमाणु करार करने के कारण भारत पर जम्मू कश्मीर मसले को लेकर उसकी ओर से दबाव तो नहीं पड़ रहा है, तिवारी ने ऐसी किसी भी बात को खारिज करते हुए कहा कि परमाणु करार से भारत के लिए दुनिया की परमाणु शक्तियों के साथ असैन्य परमाणु सहयोग करने का रास्ता खुला है।

उन्होंने कहा कि इस करार से न सिर्फ अमेरिका बल्कि फ्रांस और जापान सहित अन्य परमाणु शक्ति संपन्न देशों के साथ असैन्य परमाणु करार करने का रास्ता खुला है।

राज्य से सैन्यबलों को हटाने के बारे में किए गए सवालों पर तिवारी ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के बारे में फैसला केन्द्रीय गृह मंत्री को करना है और यह फैसला उन्हीं पर छोड़ दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा जम्मू कश्मीर में सुरक्षा संबंधी मसलों को लेकर यही उचित रहेगा कि आगे उठाए जाने वाले कदम के बारे में गृह मंत्री और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े अन्य विशेषज्ञ तय करें।