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Last Updated :प्रयागराज , रविवार, 2 दिसंबर 2018 (15:55 IST)

हनुमानजी पर दिए बयान से गरमाई सियासत, योगी आदित्यनाथ ने किया पलटवार

हनुमानजी पर दिए बयान से गरमाई सियासत, योगी आदित्यनाथ ने किया पलटवार - Yogi Adityanath Hanumanji Statement Uttar Pradesh,
प्रयागराज। प्रभु हनुमान को लेकर उत्तरप्रदेश में गरमाई सियासत पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि जिन्हे धर्म के बारे में जानकारी नहीं, वही लोग बेवजह बाल की खाल निकालते हैं।
 
कुंभाभिषेकम के चार दिवसीय कार्यक्रम के समापन समारोह में तीर्थराज प्रयाग पहुंचे योगी ने हनुमानजी पर सियासत करने वालों को भी करारा जवाब दिया। उन्होंने हनुमानजी पर दिए गए खुद के अपने बयान का बचाव करते हुए विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि जिन्हें धर्म के बारे में जानकारी नहीं, वही लोग बेवजह बाल की खाल निकलाते हैं। ऐसे लोग संकीर्ण मानसिकता के शिकार हैं।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी के काम पर उंगली उठाना आसान होता है। दूसरों पर उंगली उठाने की बजाय अगर हर कोई जिम्मेदारी निभाए तो धरती दिव्य लोक में बदल जाएगी। हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभाए तो आयोजन में कमी नहीं दिखेगी। लोग अपनी कमियां दूर करें और दूसरों की अच्छाइयों से प्रेरणा ले तो यह धरती दिव्यलोक में बदल जाएगी।
 
लोगों की कार्यशैली पर भी प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि हमें एक दूसरे की कमियां निकालने की बजाय बेहतर कार्य मे सहयोग देना चाहिए। अगर हर व्यक्ति अच्छा काम करने लगे तो समाज की अधिकांश समस्या स्वत: दूर हो जाएगी। प्रयागराज कुंभ से दुनियाभर के लोगों को स्वच्छता, राष्ट्रीय एकता और इंसानियत का संदेश मिलेगा।
 
कांची कामकोटि पीठ के कार्यों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इस पीठ ने सनातन परंपरा को संरक्षित किया है। योगी ने कहा कि कुम्भ से पहले यह शुभ लक्षण है। कुंभ भारत की सनातन परंपरा का मानव कल्याण का एक सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। भारत के सनातन धर्म-संस्कृति मनुष्य मात्र के लिए नहीं बल्कि इस चराचर जगत के मार्ग प्रशस्त करने की प्रेरणा हम सबको प्रदान करती है।
 
कुंभाभिषेकम महोत्सव में योगी ने कहा कि इस बार प्रयागराज में कुंभ का आयोजन बेहद भव्य होगा। इस दौरान करीब एक महीने में लोगों को अपने अतीत से जुडऩे का मौका मिलेगा। कुंभ भारत की सनातन परंपरा मानव कल्याण का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आयोजन है। सनातन परम्परा पूरे विश्व के कल्याण की कामना करती है।
 
उन्होंने कहा कि कुम्भ भारत के जिस महान परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है। भारत के महान पीढ़ी का उत्तरदायित्व बनाता है कि हम सब कुम्भ् के इस पवित्र आयोजन को संपन्न करने के लिए उसी प्रकार की दिव्यता का परिचय दें। देश के अंदर चार स्थानों पर यह पवित्र आयोजन सम्पन्न होता है जिसमें प्रयागराज का कुंभ अपने आप में देश और दुनिया के लिए अलग ही कौतूहल और आकर्षण का विषय होता है।
 
योगी ने कहा कि यह कुंभ अपने आपमें अनेक प्रकार अनेक प्रकार से प्रेरणा और दिव्य आध्यात्मिक शक्ति को अर्जित करने का हम सबको शुभ अवसर प्रदान करता है। हमारी जिममेदारी बनती है कि हम सब मिलकर इस आयोजन का कुशलतापूर्वक पूरे भव्यता और दिव्यता के साथ सम्पन्न कराने में अपना योगदान दें।
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