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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017 (12:47 IST)

पवन ऊर्जा दर 3.46 रुपए प्रति यूनिट के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर

पवन ऊर्जा दर 3.46 रुपए प्रति यूनिट के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर - Wind power
नई दिल्ली। पवन ऊर्जा की दर 3.46 रुपए प्रति यूनिट के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गई। सोलर एनर्जी कॉर्पोशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) द्वारा की गई 1,000 मेगावॉट की नीलामी में यह दर सामने आई है।

 
स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में यह एक नया घटनाक्रम है। इससे पहले सौर ऊर्जा की दर भी 2.97 रुपए प्रति यूनिट के न्यूनतम स्तर को छू चुकी है। यह दर इस माह की शुरुआत में रेवा सोलर पार्क की सौर ऊर्जा के लिए बोली गई।
 
एक सूत्र ने बताया कि ग्रीन इंफ्रा विंड एनर्जी, इनोक्स विंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज, ओस्त्रो कच्छ विंड, माइत्राह एनर्जी और अदाणी ग्रीन एनर्जी सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनियां रहीं। इन पांचों ने 1,000 मेगावॉट क्षमता के ब्लॉक में 3.46 रुपए प्रति यूनिट का दाम लगाया। 
 
सूत्रों ने बताया कि पवन ऊर्जा को लेकर गुरुवार को शुरू हुई बोलियां रात 2 बजे तक चलती रही, हालांकि इस दौरान उद्योग संगठन ने कंपनियों को बढ़-चढ़कर बोली लगाने को लेकर सतर्क भी किया था।
 
समझा जाता है कि भारतीय पवन ऊर्जा विनिर्माता संघ ने बोली शुरू होने से पहले कुछ कंपनियों को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के क्रियान्वयन को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह भी दी थी।
 
बिजली, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर ट्वीट कर कहा कि सौर ऊर्जा की दर 3 रुपए प्रति यूनिट से नीचे जाने और पारदर्शी तरीके से हुई नीलामी में पवन ऊर्जा की दर 3.46 रुपए प्रति यूनिट के रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंचने के बाद इसमें कोई शक नहीं कि हरित भविष्य भारत की प्रतीक्षा कर रहा है।
 
पवन ऊर्जा की 1,000 मेगावॉट क्षमता की यह बिजली उन राज्यों को आपूर्ति की जाएगी, जहां पवन ऊर्जा संसाधन उपयुक्त मात्रा में नहीं है। पवन ऊर्जा की यह नीलामी इस लिहाज से काफी उल्लेखनीय है कि भारत ने वर्ष 2022 तक 60,000 मेगावॉट पवन ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य तय किया है।
 
एसईसीआई इस योजना के क्रियान्वयन की शीर्ष एजेंसी है। वह इसके लिए ई-बोली प्रक्रिया पर काम कर रही है। एसईसीआई ने हालांकि इसके लिए कोई बेंचमार्क दर तय नहीं की है लेकिन पवन ऊर्जा के लिए औसत दर 5 रुपए के आसपास है।
 
वैश्विक स्तर पर पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता के मामले में चीन, अमेरिका और जर्मनी के बाद भारत का चौथा स्थान है। भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक अक्षय ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों से 1,75,000 मेगावॉट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा है जिसमें से 60,000 मेगावॉट उत्पादन पवन ऊर्जा से किया जाएगा। (भाषा)