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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 17 जून 2015 (18:59 IST)

हिंसा से भारतीय अर्थव्यवस्था को 342 अरब डॉलर का नुकसान

हिंसा से भारतीय अर्थव्यवस्था को 342 अरब डॉलर का नुकसान - Violence, Indian economy
नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था को वर्ष 2014 के दौरान हिंसात्मक घटनाओं के चलते 341.7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। यह आकलन इंस्टीट्यूट फॉर इकोनोमिक्स एण्ड पीस की ताजा रिपोर्ट में लगाया गया है।

संगठन के इस वर्ष के वैश्विक शांति सूचकांक (जीपीआई) में 162 देशों की सूची में भारत 143वें स्थान पर है। जीपीआई-2015 की बुधवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार भीतरी संघर्षों और उसके परिणाम स्वरूप शरणार्थी संकट से वैश्विक स्तर पर हिंसा की बढ़ती लागत बढ गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में हिंसा को काबू करने और उसके परिणामों से निपटने का आर्थिक प्रभाव 2014 में 341.7 अरब डॉलर तक रहा। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.7 प्रतिशत या प्रति व्यक्ति 273 डॉलर बनता है।

रिपोर्ट के अनुसार हिंसा की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर 2014 में कुल मिलाकर 14,300 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। यह राशि वैश्विक जीडीपी का 13.4 प्रतिशत है। इस बार, क्षेत्र वार तुलना में दक्षिण एशिया एक पायदान उपर चढ़ गया।

इसके पीछे पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र में स्थिति का तेजी से बिगड़ना बताया गया है। दक्षिण एशिया में कुल मिलाकर भूटान, नेपाल और बांग्लादेश की स्थिति में सुधार रहा जबकि भारत दक्षिण एशिया के सात देशों में 5वें स्थान पर रहा।

वैश्विक शांति सूचकांक में सबसे शीर्ष पर आइसलैंड रहा, उसके बाद डेनमार्क और आस्ट्रिया का स्थान रहा। शांति सूचकांक में शीर्ष पर आने वाले दस देशों में न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड, फिनलैंड, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया और चेक गणराज्य शामिल हैं। (भाषा)