गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Upper house clears National Anti Doping Act aimed to save taxpayers money
Written By
Last Modified: बुधवार, 3 अगस्त 2022 (18:53 IST)

राज्यसभा ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक पर लगाई मुहर, नहीं बर्बाद होगा पैसा

राज्यसभा ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक पर लगाई मुहर, नहीं बर्बाद होगा पैसा - Upper house clears National Anti Doping Act aimed to save taxpayers money
नई दिल्ली:खेल और खिलाड़ियों के लिए महत्वपूर्ण राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक 2022 पर आज संसद की मुहर लग गई।राज्यसभा ने लगभग तीन घंटे की चर्चा के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव भी अस्वीकार कर दिया। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। यह विधेयक स्थायी समिति में भेजा गया था।

चर्चा का जवाब देते हुए खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि देश में खेल और खिलाड़ियों के अनुकूल माहौल बनाने के लिए यह विधेयक आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश खेलों के बड़े आयोजनों की तैयारी कर रहा है। शतरंज ओलंपियाड चेन्नई में आयोजित किया गया है। यह अपने आप में एक बड़ी घटना है। उन्होंने कहा कि देश में डोपिंग टेस्ट की क्षमता बढ़ाई जा रही है। इसे 10 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है।उन्होंने कहा कि भारत को डोपिंग टेस्ट का केंद्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है, फिलहाल देश में 16 देशों के डोपिंग टेस्ट हो रहे हैं। ‌

ठाकुर ने कहा कि डोपिंग टेस्ट क्षमता बढ़ाने के लिए गुजरात के राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के साथ करार करने की तैयारी की गई है। यहां एक प्रयोगशाला बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को डोपिंग टेस्ट के संबंध में जागरूक किया गया है। खेलो इंडिया अभियान के अंतर्गत विशेष अभियान चलाए गए हैं। खेल मंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों को ओलंपिक के पोडियम तक पहुंचाने के लिए एक करोड़ रुपए तक खर्च किए जाते हैं।

करदाता का पैसा बचाने की कवायद

इसलिए खिलाड़ियों का डोपिंग के प्रति सतर्क होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को उनके जेब खर्च के लिए पैसे दिए जाते हैं। खिलाड़ियों के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। लेकिन यह करदाता का पैसा है। इसका पूरा प्रतिदान मिलना चाहिए। सरकार इसका पूरा ध्यान रखती है। उन्होंने कहा कि वाडा की विस्तारित पीठ भारत में स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा।

इस विधेयक से भारत में डोपिंग टेस्ट की क्षमता को संस्थागत रूप किया जा सकेगा। इससे नाडा का कामकाज सुचारू रूप से चल सकेगा और इसमें स्वायत्तता बनेगी। खिलाड़ियों को रोजगार उपलब्ध कराने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार, उद्योग, सामाजिक संस्थाओं और गैर सरकारी संस्थाओं को एक साथ आना होगा। देश में 1000 खेल केंद्र बनाने की योजना है । इसमें से 580 को अनुमति दे दी गई है। इन खेल केंद्रों को खिलाड़ियों को ही सौंपा जाएगा और वही इसका संचालन करेंगे। इन केंद्रों में खिलाड़ियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

ठाकुर ने कहा कि खिलाड़ियों के लिए सम्मान राशि बढ़ाई जा रही है। खिलाड़ियों के लिए पदक से पहले और पदक जीतने के बाद सरकार पूरी व्यवस्था करती हैं। प्रतिवर्ष छह लाख रूपए तक का जेब खर्च खिलाड़ियों को दिया जाता है।

भारतीय जनता पार्टी के डॉक्टर डीपी वत्स ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि खिलाड़ियों के लिए डोपिंग रोधी तंत्र मजबूत करने से राष्ट्र को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर शक्ति वर्धक के तौर पर प्रतिबंधित दवाइयां ली जाती है। उन्होंने कहा कि बलिष्ठ शरीर के लिए अंतर्जातीय विवाह पर जोर देना चाहिए। इससे अनुवांशिक बीमारियों में कमी आएगी और मनुष्य का शरीर वरिष्ठ होगा। उन्होंने कहा कि विधेयक के अंतर्गत बनने वाली संस्थाओं को सरकार के कड़े नियंत्रण में रखा जाना चाहिए और उन्होंने उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस के डॉ शांतनु सेन ने कहा कि संबंधित संस्थाओं की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं को सरकारी प्रभाव से दूर रखा जाना चाहिए। इससे अधिकारी बेहतर ढंग से काम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि संस्थाओं के अधिकारियों को अपदस्थ के स्पष्ट प्रावधान होने चाहिए। इससे उन्हें काम करने में सफलता होगी।

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के एन के इलांगो ने कहा कि सरकार को विधेयक में ही प्रतिबंधित दवाओं का उल्लेख कर देना चाहिए। इससे खिलाड़ियों को डोपिंग से बचाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि संबंधित संस्थाओं को असीमित अधिकार नहीं देने चाहिए। विधेयक में प्रावधानों के अनुसार संबंधित संस्थाएं डोपिंग की जांच के लिए खिलाड़ी के आवास और अन्य स्थानों की तलाशी ले सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि केवल खेल के मैदान में ही खिलाड़ी की तलाशी ली जा सकती है या उसकी जांच हो सकती है।(वार्ता)
ये भी पढ़ें
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कनाडा को 8-0 से रौंदा