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Last Updated : मंगलवार, 3 अगस्त 2021 (23:51 IST)

UNSC: भारत ने यूएन में दुनिया को दिया ‘संदेश’ तो पाकिस्‍तान ने फि‍र रोया ‘राग कश्‍मीर’

UNSC: भारत ने यूएन में दुनिया को दिया ‘संदेश’ तो पाकिस्‍तान ने फि‍र रोया ‘राग कश्‍मीर’ - UNSC India Pakistan, India and Pakistan, UN,
मुद्दा आतंकवाद का हो या कश्‍मीर का। या चाहे भारत का कोई आंतरिक मामला। पाकिस्‍तान अक्‍सर इनमें अपना हस्‍तक्षेप करता रहता है। कश्‍मीर मुद्दा तो उसका स्‍थाई राग है। एक बार फिर पाकिस्‍तान ने यूएनएससी के दौरान अपना कश्‍मीर राग अलापा है।

इस्लामाबाद, पाकिस्‍तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता की शुरुआत करते वक्त भारत ने दुनिया को तीन संदेश दिए। लेकिन, पाकिस्तान के गले ये संदेश नहीं उतरे। उसने एक बार फि‍र से कश्मीर राग अलापा है।

दरअसल, 5 अगस्त 2019 को भारत ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने का फैसला किया था, जबकि पाकिस्‍तान अभी भी इसे लेकर बयानबाजी करता रहता है।

अब पाकिस्‍तान ने मंगलवार को भारत पर रचनात्मक व सार्थक संवाद के किसी भी प्रयास पर निरंतर पानी फेरने का आरोप लगाया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान भारत की प्राथमिकताओं के संबंध में एक ट्वीट किया था, जिसके बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने यह बात कही।

जयशंकर ने सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान भारत की तीन प्राथमिकताएं गिनाईं, जिनमें संयम की आवाज, संवाद की वकालत और अंतरराष्ट्रीय कानून का समर्थन शामिल है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अगस्त महीने की अध्यक्षता भारत के पास है। जयशंकर ने रविवार को ट्वीट किया था, ‘अगस्त के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालने के साथ हम अन्य सदस्यों के साथ सार्थक रूप से काम करने के लिए उत्सुक हैं। भारत हमेशा संयम की आवाज, संवाद का हिमायती और अंतरराष्ट्रीय कानून का समर्थक रहेगा’

जयशंकर के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चौधरी ने कहा, ‘दुनिया को संयम का प्रवचन देने से पहले भारत अपने आंतरिक हालात को दुरुस्त करे’

चौधरी ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 के बाद से भारत की कार्रवाई ‘संयुक्त राष्ट्र चार्टर, यूएनएससी प्रस्तावों और चौथे जिनेवा कन्वेंशन सहित अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन’ है।

बता दें कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 को जम्मू-कश्मीर में निरस्त कर दिया था और उसे दो केन्द्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। भारत ने साफ कहा था कि अनुच्छेद 370 से संबंधित मुद्दा पूरी तरह उसका आंतरिक मामला है।
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