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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : बुधवार, 28 अगस्त 2019 (16:18 IST)

पाकिस्तान सिंधु नदी का पानी भी छोड़ देगा?

Pakistan| पाकिस्तान सिंधु नदी का पानी भी छोड़ देगा?
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच, एक हैशटैग #BoycottIndianProducts ट्‍विटर पर ट्रेंड कर रहा है। इसमें पाकिस्तानियों से भारतीय उत्पादों के बहिष्कार की अपील की गई है।
उल्लेखनीय है कि 370 के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान एवं उनके मंत्रियों की बौखलाहट खुलकर सामने आ रही है। वे कई भारत को युद्ध की धमकी दे चुके है। दूसरी ओर इस ट्रेंड के बाद भारत के लोगों ने पाकिस्तान द्वारा सिंधु नदी का पानी लिए जाने पर भी सवाल उठाए हैं।
 
हालांकि भारतीय लोगों ने इस ट्रेंड पर जमकर भड़ास निकाली और पाकिस्तान पर खूब कटाक्ष किए। अविरल सिंघल ने लिखा- भारतीय उत्पादों के बायकॉट के बाद पाकिस्तानी सिंधु नदी के पानी का उपयोग करना बंद कर देंगे। भारत की सब्जी-भाजी और अन्य खाद्य सामग्री का उपयोग बंद कर देंगे। 
स्कॉलर पाकिस्तानी नामक ट्‍विटर हैंडल से लिखा गया कि मेरा समर्थन कश्मीर के साथ है। मैं आज से ही भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करूंगा। इस व्यक्ति ने आगे लिखा है- यह एकजुटता दिखाने का समय है। इसने भारतीय उत्पादों की एक सूची में शेयर की है, जिसमें सबसे ऊपर ताजमहल का नाम है। 
 
समर्थ नामक व्यक्ति ने भिखारी के रूप में इमरान का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि पाकिस्तान वर्तमान परिस्थितियों में भिक्षावृत्ति का इंटरनेशनल डेस्टीनेशन बन गया है। नाबील हसन ने लिखा कि बॉलीवुड को भी ना कहें, क्योंकि मुन्नी तो पहले से ही बदनाम है। 
एक अन्य व्यक्ति ने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान सरफराज अहमद का उबासी लेते हुए फोटो ट्‍वीट किया है (यह फोटो विश्वकप के समय काफी चर्चा में रहा था) और लिखा है कि हमारी पाकिस्तानी भाई  #BoycottIndianProducts को ट्रेंड कर रहे हैं। आपका पानी भी तो इंडिया से ही आता है। क्या इसे भी बंद करने जा रहे हैं? एक अन्य ने लिखा कि उन्हें ट्रेंड बनाने दीजिए, हम इसे स्पैम बना देंगे।
  
क्या है सिंधु जल संधि : सिंधु जल संधि पानी के वितरण लिए भारत और पाकिस्तान के बीच संधि हुई थी, जिस पर 19 सितंबर, 1960 को कराची में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे।
 
इस समझौते के अनुसार तीन पूर्वी नदियों- ब्यास, रावी और सतलुज का नियंत्रण भारत को तथा तीन पश्चिमी नदियों- सिंधु, चिनाब और झेलम का नियंत्रण पाकिस्तान को दिया गया। पाकिस्तान के नियंत्रण वाली नदियों का प्रवाह पहले भारत से होकर आता है। संधि के अनुसार भारत को उनका उपयोग सिंचाई, परिवहन और बिजली उत्पादन हेतु करने की अनुमति है।
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