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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: उधमपुर (जम्मू कश्मीर) , बुधवार, 5 अगस्त 2015 (18:07 IST)

श्रीनगर में आतंकी हमला, एक आतंकी को जिंदा पकड़ा

श्रीनगर में आतंकी हमला, एक आतंकी को जिंदा पकड़ा - Terrorist attack
हमले में 2 जवान शहीद, 11 जख्‍मी, एक आतंकी ढेर 
 
उधमपुर (जम्मू कश्मीर)। कई सालों की शांति के बाद आतंकियों ने उस श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हुए सुरक्षाबलों के काफिले पर हमला कर दो जवानों को मार डाला है जिसे कश्मीर की लाइफ लाइन कहा जाता है। हालांकि उनके हमले का निशाना अमरनाथ यात्रा का काफिला था जो हमले के कुछ ही मिनट पहले वहां से गुजर चुका था। इस हमले में शामिल एक आतंकी को जिन्दा पकड़ा गया है जो सुरक्षाबलों के लिए बहुत बड़ी सफलता के रूप में माना जा रहा है। हालांकि इस आतंकी को उन ग्रामीणों ने जिन्दा पकड़ा था, जिनको इस आतंकी ने बंदूक के बल पर अगवा कर लिया था।
आतंकियों ने उधमपुर जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बीएसएफ के एक काफिले पर आज हमला कर दिया, जिसमें दो जवान शहीद हो गए और 11 अन्य जख्मी हो गए। बल की ओर से की गई जवाबी गोलाबारी में हमले में शामिल दो में से एक आतंकवादी मारा गया, जबकि अन्य को गिरफ्तार कर लिया है। 
 
उधमपुर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि आतंकियों ने क्षेत्र के पास स्थित एक गांव के एक स्कूल में तीन लोगों को बंधक बना लिया था। उसे सेना और पुलिस द्वारा शुरू किए गए अभियान के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि सभी बंधकों को मुक्त करा लिया है और अभियान खत्म हो गया है। हालांकि घटनास्थल पर पहुंचे संवाददाताओं के साथ बात करते हुए ग्रामीणों ने बताया था कि उन पांच युवकों ने इस आतंकी को जिन्दा पकड़ा था जिन्हें उसने बंदूक की नोक पर अगवा कर साथ चलने को मजबूर किया था।
 
उधमपुर जिले में एक दशक से ज्यादा वक्त बाद आतंकियों द्वारा हमला किया गया है। कुछ दिन पहले आतंकवादियों ने पंजाब के गुरदासपुर के दीनानगर थाने पर हमला किया था। चौधरी ने बताया कि आतंकवादियों ने आज तड़के समरोली के निकट राजमार्ग पर बीएसएफ के एक काफिले पर गोलीबारी की। बीएसएफ के (जम्मू सीमांत के) आईजी राकेश कुमार ने बताया कि दो जवान शहीद हो गए और 11 कर्मी घायल हो गए। जम्मू के आईजी दानिश राणा ने बताया कि काफिला जब जम्मू से श्रीनगर जाते समय नस्सु नाले के पास पहुंचा तभी आतंकवादियों ने उस पर ग्रेनेड से हमला किया और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि बीएसएफ के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दो में से एक आतंकवादी मारा गया।
 
राणा ने बताया कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। इलाके में और इसके आसपास बड़े स्तर पर सेना और पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया, जिसकी घेराबंदी कर ली गई थी। घटना की वजह से राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही कई घंटों तक रोकी गई थी।
 
हमले के तुरंत बाद बीएसफ ने स्थितियां संभाल ली थीं। उधमपुर में हुआ यह हमला एजेंसियों की चिंता बढ़ाने वाला है। शांत उधमपुर में आतंकी हमला चिंताजनक पिछले कुछ समय से उधमपुर में शांति की स्थिति थी लेकिन अब हमले ने आतंकियों की बेचैनी को साफ कर दिया है। वहीं आईबी के अधिकारियों की मानें तो हमले का मकसद अमरनाथ यात्रियों को निशाना बनाना था। 
 
जबकि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी उधमपुर में नेशनल हाइवे पर हुए इस हमले पर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि यह चिंता का विषय इसलिए है क्‍योंकि पिछले कुछ समय से यह इलाका आतंकियों से पूरी तरह से मुक्त था।
 
हाल ही में सरकार की ओर से लोकसभा में बताया गया था कि आतंकी अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की फिराक में लगे हुए हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने बताया था कि केंद्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों के साथ कुछ इंटेलीजेंस इनपुट साझा किए गए हैं जिनमें यात्रियों पर आतंकी हमले की बात कही गई है। यात्रियों को सबसे ज्यादा खतरा आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से है। 
 
आईबी की ओर से भी संगठन को लेकर ऐसी चेतावनी दी जा चुकी है। खास बात यह है कि इस तरह के हमले को लेकर खुफिया एजेंसियों ने करीब एक हफ्ते पहले ही अलर्ट जारी किया था, पर वह यह बताने में नाकाम थे कि आखिर 300 किमी लंबे राजमार्ग पर आतंकी कहां हमला बोल सकते हैं।
 
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के आधार पर करीब एक हफ्ते पहले ही तमाम सुरक्षा एजेंसियों और खासकर जम्मू कश्मीर सरकार को आतंकी हमले के बाबत अलर्ट जारी किया था। यही नहीं, बुधवार को लश्कर के आतंकियों ने श्रीनगर के रास्ते में जिस हाईवे पर हमला बोला उस हाईवे और राज्य के तमाम राष्ट्रीय राजमार्ग को लेकर भी आगाह किया था।
 
उधमपुर में बुधवार को हुए आतंकी  हमले के बाद एक बड़ा  प्रश्न सामने आया है। बीएसएफ के काफिले पर आतंकियों ने जब हमला किया तो उससे कुछ ही देर पहले अमरनाथ यात्रियों का जत्था वहां से गुजरा था। अब प्रश्न यह उठ रहा है कि  क्या आतंकवादी अमरनाथ यात्रियों के काफिले को निशाना बनाना चाहते थे।
 
ऐसे में हर वर्ष यात्रा पर आने वाले लाखों यात्रियों की  सुरक्षा को लेकर भी प्रश्न खड़े हो गए हैं। सुरक्षा सूत्रों के पास यह भी जानकारी है कि पाकिस्तानी सरजमीं पर पनप रहे आतंकवादियों को यह साफ निर्देश दिए गए हैं कि वे अमरनाथ यात्रा पर फिदायीन हमले करे। इस तरह की जानकारी के बाद सुरक्षा ऐजेंसियों ने सुरक्षा तंत्र को सतर्क रहने को भी कहा है। 
 
वहीं भारतीय सेना ने हाल ही में ऑपरेशन शिवा भी शुरू किया जो इसी मकसद से था कि सीमा पार से होने वाली घुसपैठ और आतंकी हरकतों पर पैनी नजर रखी जा सके। जानकारी के लिए लखनपुर से लेकर अमरनाथ गुफा तक सेना के जवानों के अतिरिक्त एक लाख जवान अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में तैनात हैं।