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Last Updated : सोमवार, 16 सितम्बर 2019 (19:39 IST)

Article 370 : जरूरत पड़ी तो मैं खुद जम्मू-कश्मीर जाऊंगा, CJI गोगोई ने कहा

Article 370 : जरूरत पड़ी तो मैं खुद जम्मू-कश्मीर जाऊंगा, CJI गोगोई ने कहा - supreme court ranjan gogoi kashmir petitions on 370 Jammu and Kashmir
नई दिल्ली। मुख्‍य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि यदि जरूरत बड़ी तो मैं स्वयं जम्मू कश्मीर जाऊंगा।
शीर्ष अदालत ने गुलाब नबी आजाद को कश्मीर जाने की इस आधार पर अनुमति दी कि इस दौरान वे न तो कोई सार्वजनिक रैली करेंगे न ही भाषण देंगे। अदालत ने आजाद को श्रीनगर, बारामुला और अनंतनाग का दौरा करने की अनुमति दी है।
सरकार उठाए हरसंभव कदम : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केन्द्र से कहा कि कश्मीर में जनजीवन सामान्य करने के लिए जल्द से जल्द सभी संभव कदम उठाए। पीठ ने कहा कि कश्मीर में अगर तथाकथित बंद है तो उससे जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय निपट सकता है।
 
वहीं केन्द्र ने पीठ को कहा कि कश्मीर स्थित सभी समाचार पत्र काम कर रहे हैं और सरकार हरसंभव मदद मुहैया करा रही है। प्रतिबंधित इलाकों में पहुंच के लिए मीडिया को ‘पास’ दिए गए हैं और पत्रकारों को फोन और इंटरनेट की सुविधा भी मुहैया कराई गई है। उसने कहा कि दूरदर्शन जैसे टीवी चैनल और अन्य निजी चैनल, एफएम नेटवर्क काम कर रहे हैं।
 
केन्द्र ने कहा कि एक गोली भी नहीं चलाई गई और कुछ स्थानीय प्रतिबंध लगे हैं। कश्मीर संभाग के 88 प्रतिशत से अधिक थाना क्षेत्रों से प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। पीठ ने अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से कहा कि इन हलफनामों का विवरण दें और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रयास किए जाएं।
 
उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर में जनजीवन सामान्य करने, कल्याणकारी सुविधाओं तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित करने, स्कूल और कॉलेज खोले जाने को कहा। पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए चयनात्मक आधार पर प्रतिबंध हटाए जाएंगे।
अब्दुल्ला मामले पर केंद्र से मांगा जवाब : सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को कोर्ट के सामने पेश किए जाने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा। अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा रद्द किए जाने के बाद से कथित रूप से हिरासत में हैं।
 
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे एवं न्यायमूर्ति एस ए नजीर की पीठ ने केंद्र और राज्य को नोटिस जारी किया और राज्यसभा सांसद एवं एमडीएमके नेता वाइको की याचिका पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की। वाइको ने कहा कि वे पिछले चार दशकों से अब्दुल्ला के निकट मित्र हैं।
 
वाइको ने दावा किया कि नेशनल कॉन्फेंस के नेता को ‘बिना किसी कानूनी अधिकार के अवैध हिरासत’ में लेकर उन्हें संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों से वंचित रखा गया।