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Last Modified: शनिवार, 11 जनवरी 2020 (22:12 IST)

सोनिया का सरकार पर तीखा हमला, बोलीं- CAA भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी...

CAA protest | सोनिया का सरकार पर तीखा हमला, बोलीं- CAA भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी...
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) तथा कुछ अन्य विश्वविद्यालयों में हिंसा को लेकर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और सीएए को भेदभावपूर्ण एवं विभाजनकारी करार देते हुए दावा किया कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का छिपा हुआ रूप है।

कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में सोनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया और मांग की कि जेएनयू हिंसा तथा कुछ अन्य स्थानों पर हुई हिंसा की जांच के लिए विशेषाधिकारिक प्राप्त आयोग का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, नए साल की शुरुआत संघर्षों, अधिनायकवाद, आर्थिक समस्याओं, अपराध से हुई है।

सोनिया ने कहा, नागरिकता संशोधन कानून संसद में कड़े विरोध के बीच पारित किया गया। यह हमारे समक्ष एक बड़ा मुद्दा है। सीएए भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून है। इस कानून के खतरनाक मकसद से हर देशभक्त, सहिष्णु और धर्मनिरपेक्ष भारतीय अवगत है। यह भारत के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए है।

सीएए के खिलाफ युवाओं, महिलाओं और छात्रों के प्रदर्शनों का हवाला देते हुए सोनिया ने कहा, मैं इनके साहस और संविधान के मूल्यों में आस्था तथा इन मूल्यों की रक्षा करने की उनकी प्रतिबद्धता को सलाम करती हूं। हम उनके संघर्ष से प्रेरित हूं।

उन्होंने कहा, कुछ राज्यों विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और दिल्ली में में हालत बहुत खराब है। हम जामिया, जेएनयू, बीएचयू, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, गुजरात विश्वविद्यालय में पुलिस बर्बरता और निर्मम बल प्रयोग से दुखी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, हम मांग करते हैं कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों से जुड़ी घटनाओं की जांच के लिए समग्र विशेषाधिकार प्राप्त आयोग का गठन किया जाना चाहिए तथा प्रभावित लोगों को न्याय मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा, पहले सरकार ने सोचा कि एनआरसी को पूरे देश में लाया जाए। असम एनआरसी के भयावह नतीजों के बाद सरकार एनपीआर को लेकर आई है। हमें किसी गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि यह घातक नहीं है। 2020 का एनपीआर एनआरसी का छिपा हुआ रूप है। सोनिया ने कहा, अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार को अर्थिक मंदी पर काबू करने के लिए सरकार के पास कोई समझ नहीं है और न ही कोई निर्णय ले रही है।

जम्मू-कश्मीर की स्थिति का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, यह बहुत ही चिंता का विषय है कि जम्मू-कश्मीर के लोग मौलिक अधिकारों से वंचित हैं तथा सरकार सामान्य स्थिति होने का दावा कर रही है और राजनयिकों का गाइडेड टूर आयोजित कर रही है। कई पूर्व मुख्यमंत्री और मुख्यधारा के नेता हिरासत में हैं।

उन्होंने कहा, नागरिकों के मौलिक अधिकारों का सम्मान होना चाहिए और पाबंदियां हटनी चाहिए। उन्होंने खाड़ी क्षेत्र के घटनाक्रम को लेकर भी चिंता प्रकट की और उम्मीद जताई कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी तथा भारत सरकार उस क्षेत्र में रहने वाले भारतीय लोगों के हितों का पूरा खयाल रखेगी।