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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 25 अगस्त 2015 (23:33 IST)

शत्रुघ्न ने पार्टी को दी कार्रवाई की चुनौती

शत्रुघ्न ने पार्टी को दी कार्रवाई की चुनौती - Shatrughan Sinha
नई दिल्ली। पार्टी नेतृत्व से खफा चल रहे भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने मंगलवार को पार्टी को वस्तुत: चुनौती दी कि वह उनके खिलाफ कार्रवाई करके दिखाए।
 
हाल में उनके बयानों के खिलाफ पार्टी नेतृत्व द्वारा बिहार विधानसभा चुनावों के बाद कार्रवाई करने की योजना की खबरों पर प्रतिक्रिया जताते हुए 69 वर्षीय अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न ने ट्विटर पर आज कई टिप्पणियां कीं। वे पटना साहिब संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं।
 
सिन्हा ने ट्वीट किया, कुछ खबरिया चैनलों की अनधिकारिक रिपोर्ट, जिनमें कुछ भी आधिकारिक नहीं है, पर लोग मेरी प्रतिक्रिया मांग रहे हैं कि बिहार चुनावों के बाद भाजपा कार्रवाई करेगी। 
 
उन्होंने ट्वीट किया, निहित स्‍वार्थों की तरफ से फैलाई जा रही अनधिकारिक रिपोर्ट पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा। बहरहाल लोगों को न्यूटन के तीसरे नियम को नहीं भूलना चाहिए कि ‘हरेक क्रिया के बराबर किंतु विपरीत प्रतिक्रिया होती है’। पार्टी और सरकार में दरकिनार किए जाने से सिन्हा को खफा बताया जाता है।
 
पार्टी के एक शीर्ष नेता ने कल सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था, वोटों की गिनती के बाद हम उनसे निपटेंगे। उनसे पूछा था कि उनकी हाल की टिप्पणियों के सिलसिले में पार्टी उनके खिलाफ क्या करने की योजना बना रही है।
 
सिन्हा ने हाल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा की थी जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निशाने पर हैं। सिन्हा ने कुमार को विकास पुरुष बताया था। बिहार में एक बड़ी रैली में प्रधानमंत्री ने जिस दिन बिहार के मुख्यमंत्री पर प्रहार किया, उसी दिन उनकी नीतीश से लंबी मुलाकात हुई थी।
 
उन्होंने पार्टी से बिहार में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने को भी कहा था और एक अन्य अवसर पर उन्होंने सुझाव दिया था कि रामविलास पासवान राजग की तरफ से शीर्ष पद के उम्मीदवार हो सकते हैं।
 
कल उन्होंने ट्वीट किया था, मेरा मानना है कि हमें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा कर देनी चाहिए। किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं होने से गठबंधन में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। 
 
सिन्हा ने कल कहा था, मैं व्यक्तिगत रूप से और भाजपा तथा राजग के हित में सुझाव देता हूं कि सक्षम, स्वीकार्य, सम्मानीय और धर्मनिरपेक्ष रामविलास पासवान में बिहार के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होने की क्षमता है। 
 
उन्होंने कहा, हमारी तरफ से एकमात्र वांछनीय हस्ती रामविलास पासवान हैं जो हम सबको स्वीकार्य होंगे। अंतिम निर्णय पार्टी और इसके संसदीय बोर्ड को करना है। सिन्हा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल से इस महीने की शुरुआत में मुलाकात कर असहज स्थिति पैदा कर दी थी।
 
उन्होंने कहा था, अरविंद केजरीवाल और उनके परिवार से उनके घर पर काफी सुखद मुलाकात हुई। नीतीश की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा था, जेपी, अटलजी, नानाजी देखमुख, आडवाणीजी की तरह स्वस्थ राजनीति करने वालों का मैं समर्थक हूं। 
 
उन्होंने कहा, अपने दोस्त नीतीश कुमार के संकल्प का स्वागत करता हूं कि वह आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को उम्मीदवार नहीं बनाएंगे। उम्मीद है और प्रार्थना करता हूं कि दूसरे भी ऐसा ही करेंगे। 
 
इससे पहले एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा था, नीतीशजी द्वारा मुझे बिहार का गौरव बताए जाने से उनका आभार जताता हूं। एक दोस्त के रूप में मैं उनका प्रशंसक हूं और वह जनमानस के काफी सम्मानित नेता हैं। राजनीतिक विरोधी शत्रु नहीं होते। हमारे राजनीतिक विचार अलग हो सकते हैं लेकिन कोई व्यक्तिगत शत्रुता नहीं है। 
 
मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी याकूब मेमन को फांसी देने के खिलाफ राष्ट्रपति को दी गई याचिका पर दस्तखत करने के कारण भी सिन्हा का नाम विवादों में आया था जिस पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अफसोस जताते हुए कहा था कि यह पार्टी के लिए शर्मिंदगी की बात है और इससे वे काफी दुखी हैं, जो पार्टी लाइन के खिलाफ है।
 
बहरहाल, सिन्हा ने पार्टी को चुनौती दी कि उन्होंने याचिका पर कभी भी दस्तखत नहीं किए और अपने दोस्तों से कहा कि लोगों के सामने शर्मिंदगी जाहिर करने से पहले तथ्यों की जांच कर लें। उन्होंने कहा था, ये प्रतिक्रियाएं केवल एक-दूसरे की खिंचाई के लिए हैं और हमारे विरोधियों को गलत संदेश देती हैं।

सिन्हा की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात और उनकी तारीफ करना, 24 कांग्रेसी सांसदों को निलंबित किए जाने के खिलाफ टिप्पणियां करना और मुंबई श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के आरोपी याकूब मेमन को फांसी की सजा के खिलाफ याचिका पर दस्तखत किए जाने से भाजपा को बिहार चुनाव से पहले असहज स्थिति का सामना करना पड़ा।
 
नीतीश कुमार की प्रशंसा किए जाने के मामले में सिन्हा ने कहा कि जयप्रकाश नारायण, कैलाशपति मिश्रा और नानाजी देशमुख जैसे उनके राजनीतिक मार्गदर्शकों ने राजनीतिक विरोधियों को ‘दुश्मन’ नहीं मानने की सीख दी थी।
 
उन्होंने कहा, नीतीश कुमार फिलहाल देश के कुछ अच्छे मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं। वे  परिश्रमी हैं और उन पर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं है। हालांकि उन्होंने अपने लिए नाराज (सल्किंग) शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई। सिन्हा के मुताबिक वे शांत और सहज हैं।
 
उन्होंने कहा, मेरा रक्तचाप 12 साल के बच्चे की तरह 120-80 के स्तर पर रहता है। यह योग की वजह से भी हो सकता है जो मैं लंबे समय से करता आ रहा हूं। राजनीति से अलग क्षेत्र के विकास के संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम परियोजना के तहत शौचालयों के निर्माण के लिए समर्थन आधार बढ़ाने का सुझाव भी दिया।
 
उन्होंने कहा, हालात गंभीर हैं, जहां करीब 69 फीसदी लोगों के पास मोबाइल फोन हैं वहीं 68 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं हैं। सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की तारीफ भी की। (भाषा)