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Last Updated : शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2020 (12:06 IST)

RBI ने नहीं किया ब्याज दरों में बदलाव, आम आदमी को नहीं मिली राहत

RBI ने नहीं किया ब्याज दरों में बदलाव, आम आदमी को नहीं मिली राहत - RBI Governor Shaktikant Das Press confrence
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान किया। आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। आरबीआई ने रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार रखा है। वहीं रिवर्स रेपो रेट में भी कोई कटौती नहीं की गई है। प्रेस कॉन्फ्रेंस से जुड़ी हर जानकारी...
 

-जारी होंगे एमपीसी (RBI Monetary Policy Committee) की तीन दिन से जारी बैठक के नतीजे।
-रिजर्व बैंक एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर सकता है।
-इससे पहले अगस्त में हुई एमपीसी की 24वीं बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था।
-अगर इस बैठक में रेपो रेट कम की जाती है, तो ग्राहकों को ईएमआई (EMI) में राहत मिलेगी।

-रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
-RBI ने आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख बरकरार रखने की घोषणा की।
-दास ने कहा, कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय अर्थव्यवस्था निणार्यक चरण में प्रवेश कर रही है।
-अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में आई गिरावट पीछे छूट चुकी है, स्थिति में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं।
-नियंत्रण अथवा अंकुश लगाने के बजाय अब अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत।
-चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक मुद्रास्फीति के तय लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान।
-जीडीपी के चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही तक संकुचन के रास्ते से हटकर फिर से वृद्धि के रास्ते पर आने का अनुमान।
-वित्त वर्ष की पहली छमाही के धीमे सुधार को दूसरी छमाही में मिल सकती है गति, तीसरी तिमाही से आर्थिक गतिविधियां बढ़ने लगेंगी।
-चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी दर में आ सकती है 9.5 प्रतिशत की गिरावट।
-रिजर्व बैंक प्रणाली में संतोषजनक तरलता की स्थिति बनाये रखेगा, अगले सप्ताह खुले बाजार परिचालन के तहत 20,000 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे।
-मुद्रास्फीति में आया मौजूदा उभार अस्थाई, कृषि परिदृश्य दिख रहा उज्ज्वल, कच्चे तेल की कीमतें दायरे में रहने की उम्मीद।
-ग्रामीण अर्थव्यवस्था सबसे ज्यादा मजबूत।
-जनवरी-मार्च 2021 तक पॉजिटिव GDP ग्रोथ संभव।
-खरीफ फसलों की अच्छी बुआई हुई। खाद्यायन उत्पादन दोबारा रिकॉर्ड बना सकता है।