शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute, Supreme Court
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 6 अप्रैल 2018 (18:11 IST)

वृहद पीठ को नहीं सौंपा जाएगा अयोध्या मामला

वृहद पीठ को नहीं सौंपा जाएगा अयोध्या मामला - Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land dispute, Supreme Court
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले को तत्काल वृहद पीठ को सौंपने का सुन्नी वक्फ बोर्ड एवं कुछ अन्य अपीलकर्ताओं का अनुरोध ठुकरा दिया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण एवं न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नज़ीर की विशेष पीठ ने वक्फ बोर्ड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह इस मामले के सुन्नी वक्फ बोर्ड एवं उत्तरप्रदेश सरकार सहित सभी संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ही यह फैसला करेगी कि इसे वृहद पीठ को सौंपा जाए या नहीं।


विशेष पीठ अयोध्या विवाद मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ 14 अपीलों की सुनवाई कर रही है। सुनवाई शुरू होते ही धवन की अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिन्दरसिंह एवं तुषार मेहता के साथ तीखी झड़प हुई। कुछ देर के लिए अदालत कक्ष में अराजकता की स्थिति बन गई थी। धवन ने दलील दी कि फैसलों में वर्णित इस्लाम धर्म के तहत मस्जिदों की स्थिति जैसे पहलुओं पर निर्णय किए बिना अपीलों का निस्तारण प्रभावी तरीके से नहीं हो सकता।

उन्होंने अपनी दलील के समर्थन में एक फैसले का हवाला भी दिया। धवन ने कहा कि अयोध्या जमीन विवाद मुस्लिमों में बहुगामी प्रथा से ज्यादा महत्वपूर्ण है। जब बहुगामी प्रथा से संबंधित मामले को संविधान पीठ को भेजा जा सकता है तो इतने महत्वपूर्ण मसले को क्यों नहीं।

इस पर न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि पहले हम 1994 के फैसले से संबंधित विवाद पर विचार करेंगे। हम संपूर्ण या आंशिक फैसले को वृहद पीठ को भेज सकते हैं। शीर्ष अदालत ने गत 14 मार्च को भी कहा था कि वह पहले इस बात का फैसला करेगी कि जमीन विवाद से संबंधित अपीलों को पांच सदस्यीय संविधान पीठ को भेजा जाए या नहीं।

गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बहुमत (2:1) के फैसले के आधार पर अयोध्या की विवादित जमीन को तीन पक्षकारों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला में बराबर-बराबर बांटने का आदेश सुनाया था। इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील की गई है। (वार्ता)
ये भी पढ़ें
उतार-चढ़ाव के बाद सेंसेक्स हुआ मजबूत