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Last Modified: शनिवार, 4 जुलाई 2020 (17:44 IST)

सैनिकों के इलाज पर सवाल उठाने वालों को भारतीय सेना का जवाब, कहा- यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण

सैनिकों के इलाज पर सवाल उठाने वालों को भारतीय सेना का जवाब, कहा- यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण - questions raised after meeting pms injured soldiers at leh hospital army said unfortunate
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को लेह के आर्मी अस्पताल में गलवान घाटी (Galvan Valley) हिंसा में घायल सैनिकों से मुलाकात की थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर कांग्रेस समेत कई लोगों ने उस अस्पताल पर सवाल खड़े किए थे। इसके फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं। इस मामले पर सेना शनिवार को आधिकारिक बयान जारी कर इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। 
 
सेना ने अपने बयान में कहा कि यह सभी आरोप गलत हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग सैनिकों के इलाज पर भी सवाल उठा रहे हैं। सेना अपने जवानों के बेहतर इलाज मुहैया कराती है, इसलिए यह साफ किया जाता है कि जहां इन घायल सैनिकों को रखा गया है, वह 100 बेड के साथ लेह के सामान्य अस्पताल का ही हिस्सा है।
 
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों बीच हुई हिंसक झड़प और एलएसी पर चल रहे तनाव के बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लेह पहुंच गए थे। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत भी थे।
 
पीएम मोदी ने लेह के आर्मी अस्पताल में गलवान घाटी हिंसा में घायल सैनिकों से मुलाकात की थी। मध्यप्रदेश कांग्रेस सहित कई लोगों ने इस अस्पताल को नकली अस्पताल बताया। किसी ने इसे कॉन्फ्रेंस हॉल बताया।
 
भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि यह एक प्रशिक्षण हॉल है, जिसे लेह अस्पताल के कोविड अस्पताल बनने के बाद से वार्ड में बदल दिया गया था। सेना ने कहा कि लेह जनरल अस्पताल के कुछ वार्ड को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया था, जिसके बाद ऑडियो वीडियो ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इल हॉल को जनरल वार्ड बनाया गया था।
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