बिरला ने बताया कि इसके निर्माण में 27 माह लगे और इसमें कुल लागत 188 करोड रुपए की आई। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में अनुमानित लागत से 30 करोड़ की बचत की गई। उन्होंने कहा कि लोकसभा के गठन के बाद सांसदों के आवास की अक्सर दिक्कतें आया करती थीं और उन्हें होटलों में ठहराया जाता था, जिससे सरकार पर आर्थिक बोझ भी पड़ता था। उन्होंने उम्मीद जताई कि 18वीं लोकसभा की जब शुरुआत होगी तो किसी भी सांसद को होटल में ठहरने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक 80 वर्ष से अधिक पुराने 8 बंगलों के स्थान पर 76 फ्लैटों का निर्माण किया गया है। कोविड-19 के संक्रमण के बावजूद इन फ्लैटों का निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा के भीतर किया गया और इनके निर्माण में स्वीकृत लागत से करीब 14 प्रतिशत बचत की गई है।
इन फ्लैटों के निर्माण में कई हरित निर्माण तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। इनमें राख और मलबे से बनी इटें, ताप की रोकथाम के लिए डबल गेज्ड विंडो और ऊर्जा की दृष्टि से किफायती एलईडी लाइट फिटिंग्स, बिजली की कम खपत के लिए वीआरवी प्रणाली, वर्षा जल संरक्षण प्रणाली और रूफ टॉप सोलर प्लांट शामिल हैं। (भाषा)