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Last Updated : बुधवार, 4 दिसंबर 2019 (21:40 IST)

PNB घोटाला: नीरव मोदी की मुश्किल बढ़ी, भगोड़ा घोषित करने की तैयारी

PNB घोटाला: नीरव मोदी की मुश्किल बढ़ी, भगोड़ा घोषित करने की तैयारी - PNB scam : Nirav Modi problems increased
मुंबई। 2 अरब डॉलर से अधिक के PNB घोटाले के आरोपी नीरव मोदी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। मुंबई की एक विशेष अदालत ने इस मामले में बुधवार को मुख्य आरोपी नीरव मोदी एवं दो अन्य आरोपियों को 15 जनवरी को अदालत में पेश होने का आदेश दिया और ऐसा नहीं करने पर उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया जाएगा।
 
विशेष सीबीआई न्यायाधीश वी सी बर्डे ने नीरव मोदी, उनके भाई नीशाल मोदी और एक करीबी सहयोगी सुभाष परब के खिलाफ भगोड़ा घोषित करने का आदेश जारी करते हुए उन्हें जनवरी मध्य में अदालत में पेश होने का आदेश दिया।
 
कानून के अनुसार अदालत जब ऐसा कोई आदेश जारी करती है तो आरोपियों को तय समय के अंदर उसके समक्ष पेश होना जरूरी होता है वरना वह उन्हें भगोड़ा घोषित कर सकती है। व्यक्ति को भगोड़ा घोषित किए जाने पर जांच एजेंसी भारत में उनकी संपत्ति जब्त करने का काम शुरू कर सकती है। मामले में नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी मुख्य आरोपी हैं।
 
नीरव मोदी की हिरासत बढ़ी : ब्रिटेन की एक अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की हिरासत की अवधि बढ़ा दी है और उन्हें दो जनवरी को जेल से वीडियो लिंक के जरिये पेश होने को कहा है। नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक के साथ दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रत्यर्पण कार्रवाई से बचने के लिए लड़ाई लड़ रहा है।
 
नीरव मोदी वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में लंदन की वांड्सवर्थ जेल से अपनी 28 दिन की " शुरुआती सुनवाई " के लिए उपस्थित हुआ। न्यायाधीश गैरेथ ब्रैंस्टन ने फिर से पुष्टि की है कि प्रत्यर्पण पर सुनवाई अगले साल 11 मई को शुरू होगी और यह पांच दिन चलेगी।
 
न्यायाधीश ने यह भी फैसला दिया है कि नीरव मोदी दो जनवरी 2020 को वीडियो लिंक के जरिये पेश होगा। इस बीच, उसे 28 दिन हर रोज अदालत के सामने आना होगा।
 
नीरव मोदी 19 मार्च को गिरफ्तारी के बाद दक्षिण-पश्चिम लंदन की वांड्सवर्थ जेल में है। भारत सरकार के अनुरोध पर स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) ने प्रत्यर्पण वारंट की तामील करते हुए उसे गिरफ्तार किया था।
 
नीरव ने पिछले महीने नजरबंदी में रहने की गारंटी देते हुए जमानत की अर्जी लगायी थी। यह एक अभूतपूर्व पेशकश थी क्योंकि आतंकवाद के मामलों में संदिग्ध व्यक्तियों को इस प्रकार निरुद्ध किया जाता है। नीरव मोदी ने साथ ही यह भी दुहाई दी थी कि मार्च में गिरफ्तार किए जाने के बाद वांड्सवर्थ जेल में सलाखों के पीछे रहते हुए उसका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ गया है।