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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated :श्रीनगर , शनिवार, 3 जनवरी 2015 (18:58 IST)

एलओसी पर गोलाबारी, जवाबी कार्रवाई से पाक सेना की कमर टूटी

एलओसी पर गोलाबारी, जवाबी कार्रवाई से पाक सेना की कमर टूटी - Pakistani army
श्रीनगर। जम्मू सीमा पर भीषण गोलाबारी कर कहर बरपाने के बाद पाक सेना ने कश्मीर सीमा पर एलओसी के इलाकों में अपने तोपखाने के मुंह खोल दिए हैं। नतीजतन भारतीय सेना के दो जवानों की मौत हो गई तथा तीन अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इससे पहले सुबह पाक सेना ने जम्मू सीमा पर गोले बरसाए तो एक महिला की मौत हो गई थी। बीसियों लोग जख्मी भी हुए हैं। कई घर ढह गए हैं। लोग बंकरों में रहने को मजबूर हो रहे हैं। तीन हजार से अधिक लोगों ने पलायन किया है। भारतीय सेना पाक गोलाबारी का करारा जवाब दे रही है। भारतीय पक्ष का दावा है कि पाक सेना को जबरदस्त क्षति पहुंची है।
 
 
 
 
पाकिस्तान द्वारा कश्मीर सीमा के टंगधार सेक्टर में की गई गोलीबारी में सेना के दो जवानों की मौत हो गई और दो अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर के कठुआ और सांबा जिलों के सीमावर्ती इलाकों में बीती रात से की गई अपनी गोलाबारी में भारतीय गांवों और 13 सीमा चौकियों को निशाना बनाया, जिसमें आठ असैन्य नागरिक घायल हो गए। मोर्टार हमले में सांबा सेक्टर में एक महिला की मौत हो जाने की खबर है।
 
नववर्ष की पूर्व संध्या को शुरू संघर्ष विराम उल्लंघन की ताजा कड़ी में सीमा सुरक्षाबल का एक जवान शहीद हो गया है और सात अन्य लोग घायल हुए हैं। भारत की जवाबी कार्रवाई में कल तक पांच पाकिस्तानी रेंजर मारे जा चुके हैं। बीएसएफ के महानिरीक्षक राकेश शर्मा ने बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने बीती रात साढ़े नौ बजे से सांबा और कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित चौकियों तथा असैनिक इलाकों में भारी गोलीबारी की और मोर्टार दागने शुरू कर दिए।
 
उन्होंने कहा कि बीएसएफ के जवानों ने माकूल जवाब दिया जिससे दोनों ओर से गोलीबारी होने लगी जो आज तड़के तीन बजे बंद हुई। शर्मा ने बताया कि पाकिस्तान ने आज सुबह सात बजे से फिर असैनिक इलाकों को निशाना बनाते हुए गोलीबारी की और मोर्टार दागने शुरू कर दिए।
 
शर्मा ने बताया कि कठुआ जिले के सांबा और हीरानगर उप सेक्टरों के सभी तीन बटालियन क्षेत्रों में स्थित चौकियों को निशाना बनाया गया। अधिकारियों ने बताया कि कठुआ जिले के नौचक गांव में दो महिलाओं सहित चार लोग घायल हो गए। 3000 लोगों को दूसरी जगह स्थानांतरित किया गया है।
 
सांबा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनिल मगोत्रा ने बताया कि सांबा में बेन गलाड़ सीमावर्ती गांव में दो लोग घायल हो गए। उन्होंने बताया कि दोनों ओर से गोलीबारी हुई। घायलों को अस्पताल भेजा गया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लोगों को निकालने के लिए बसें तैयार रखी गई हैं और हम गोलीबारी तथा गोलाबारी रूकने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिविरों में भेजा जा सके।
 
उन्होंने कहा कि लोगों ने बंकरों में शरण ले रखी है और बाहर नहीं आ रहे हैं। कठुआ के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि हीरानगर इलाके में गोलीबारी और गोलाबारी में घायल हुए चार लोगों में से दो महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि 3000 लोगों को निकाला जा चुका है। यदि जरूरत हुई तो अन्य को भी अन्यत्र भेजा जा सकता है। क्षेत्र में स्थिति को देखते हुए हीरानगर में एंबुलेंस और डॉक्टर तैयार रखे गए हैं तथा तीन इमारतों को राहत शिविरों के रूप में कार्यान्वित किया गया है।
 
कठुआ जिले में पटटी, पंसार, लोंदी, बोबिया, चकारा, लच्छीपुरा स्थित बीएसएफ की आठ चौकियों तथा सांबा जिले में मंगूचक, चिल्याडिया, रीगल, चचवाल, रामगढ़, मालूचक और नांगा सहित सात चौकियों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तानी रेंजरों ने हीरानगर सेक्टर में पहाड़पुर, कटाउ, चारू, लोंदी, पटटी, चकारा, लच्छीपुरा, बोबिया, पंसार, मनयारी, करोल और सांबा सेक्टर में ख्वारा, रीगल, चिलयारी, मंगूचक, चाच्याल, रामगढ़, मालूचक, सुचेतगढ़ कुलियां और मावा के सभी गांवों को निशाना बनाया।
 
उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ हीरानगर में डेरा डाले हुए हैं, ताकि स्थिति पर नजर रखी जा सके तथा राहत एवं बचाव अभियानों में समन्वय स्थापित किया जा सके। उन्होंने बताया कि सीमावर्ती 57 गांवों में सभी सरपंचों, पंचों, लंबरदार और जाने माने लोगों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोगों को सुरक्षा उपायों के बारे में बताएं। तैयारियों के मद्देनजर राहत शिविर तैयार रखे गए हैं।
 
बीती रात बल ने सीमा पार से घुसपैठ के एक बड़े प्रयास को विफल कर दिया था। गोलाबारी और गोलीबारी की आड़ में पाक रेंजरों ने रात 11 बजकर 30 मिनट पर सांबा सेक्टर में चोर गली के अग्रिम इलाके से भारी हथियारों से लैस सात से आठ आतंकियों के एक समूह को घुसपैठ कराने की कोशिश की। बीएसएफ के सतर्क जवानों ने भारतीय क्षेत्र में आतंकियों को घुसते देख लिया और उन पर गोलीबारी की। इस पर आतंकी वापस पाकिस्तान भाग गए।
 
पाक गोलाबारी के कारण भारत-पाक सीमा पर भय एवं अनिश्चितता का माहौल लौट आया है जहां पिछले 12 घंटे से पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा मोर्टार दागे जाने के बीच भारी गोलाबारी जारी है जिसके चलते प्रभावित सीमाई गांवों से विस्थापन शुरू हो गया है। सांबा जिले के बेन गलाड़ क्षेत्र की नम्रता देवी ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा कल से की जा रही गोलाबारी के कारण हम अपना घर छोड़कर जा रहे हैं। हम अस्थायी शिविरों में जा रहे हैं। पिछले 12 घंटों से गोलाबारी रूक नहीं रही है।
 
अधिकारियों ने बताया कि संघर्ष विराम के ताजा उल्लंघनों के कारण सीमाई गांवों से विस्थापन शुरू हो गया है तथा कठुआ एवं सांबा जिलों की बस्तियों से 3000 से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।
 
मंगू चक इलाके के अरविन्द कुमार ने कहा कि हम पाक तोपों के लिए निशाना बन रहे हैं। हम निरंतर भय एवं आतंक में जी रहे हैं। जब भी हम खेतों में जाते हैं या सड़क पर चल रहे होते हैं तो हम नहीं जानते कि कब हम उनकी गोली लगकर गिर पड़ेंगे। सीमा के पास स्थित बस्तियों से बैल गाड़ियों, ट्रकों, टैम्पो एवं ट्रेक्टर ट्रालियों में लदकर परेशान लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं।
 
सीमा पर रहने वाले लोग निरंतर भय के साए में जी रहे हैं। उन्हें इस बात की आशंका है कि बार-बार संघर्ष विराम उल्लंघन से एक दशक पुरानी संधि टूट जाएगी और उनका जीवन खतरे में पड़ जाएगा। बेन गलाड़ के निवासी करतार सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी की पहल पर शुरू हुआ संघर्ष विराम जारी रहे ताकि हम शांति में रह सकें। वर्ष 2013 एवं 2014 में संघर्ष विराम उल्लंघन में भारी बढ़ोतरी हुई जिसने हमारी जिंदगी को नर्क बना दिया है। 
 
सांबा के उपायुक्त मुबारक सिंह ने कहा कि सीमाई क्षेत्रों में गोलीबारी एवं गोलाबारी जारी है तथा जब यह रूक जाएगी तो अधिकारी सीमा से लोगों को हटाएंगे। उन्होंने कहा कि बहरहाल, गांवों से लोगों का पलायन हो रहा है तथा उन्हें अस्थायी शिविरों में रखा जा रहा है।