बुधवार, 24 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Now K-9 Vajra Howitzer cannons will also roar on the border of Pakistan
Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : मंगलवार, 5 अक्टूबर 2021 (17:36 IST)

अब पाकिस्तान की सीमा पर भी गरजेंगी के-9 वज्र हॉवित्जर तोपें

अब पाकिस्तान की सीमा पर भी गरजेंगी के-9 वज्र हॉवित्जर तोपें - Now K-9 Vajra Howitzer cannons will also roar on the border of Pakistan
जम्मू। भारतीय सेना ने चीन सीमा के बाद अब पाकिस्तान से सटी एलओसी पर भी तोपखाने की कमी को पूरा करने के लिए के-9 वज्र तोपों को तैनात करने की योजना बनाई है, जिसके लिए 40 के करीब अर्थात दो रेजीमेंटों के लिए के-9 वज्र तोपों का ऑर्डर दिया है। 
 
सूत्रों के मुताबिक, के-9 वज्र हॉवित्जर तोपों की पूर्वी लद्दाख में चीन सीमा पर तैनाती के बाद अब भारतीय सेना पहाड़ों के लिए 40 और वज्र हॉवित्जर का ऑर्डर दे रही है। एक रेजिमेंट यानी 20 तोपों को 12 से 16 हजार फुट ऊंचे पहाड़ी इलाकों में चीन के खिलाफ तैनात किया गया है। 38 से 50 किमी दूर तक मारक क्षमता वाली यह के-9 वज्र तोप 15 सेकंड में 3 गोले दाग सकती है। मेक इन इंडिया अभियान के तहत दक्षिण कोरिया की कंपनी के सहयोग से के-9 वज्र हॉवित्जर तोपों का निर्माण गुजरात के सूरत में किया गया है।
 
पिछले हफ्ते ही लद्दाख के दौरे के दौरान सेनाध्यक्ष ने कहा था कि होवित्जर रेजीमेंट वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन का मुकाबला करने के लिए तैनात की गई है। के-9 वज्र तोप 16 हजार फुट की ऊंचाई पर 50 किलोमीटर दूर दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम है। यह तोप मोदी सरकार में पहला मुख्य मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट है। 100 तोप रेजीमेंट में शामिल की गई हैं।
 
रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि इस साल की शुरुआत में लद्दाख भेजे गए तीन के-9 वज्र के परीक्षण सफल रहे हैं। शुरुआती 100 तोपों का ऑर्डर मूल रूप से रेगिस्तान के लिए था, लेकिन चीन की ओर से पूर्वी लद्दाख सीमा पर बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों की तैनाती के जवाब में भारत ने भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर एक रेजिमेंट यानी 20 के-9 वज्र तोपों की तैनाती की है। सेना अब पहाड़ी खासकर एलओसी के इलाकों में तैनाती के लिए अलग से 40 के-9 वज्र ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर का ऑर्डर कर रही है।
 
हालांकि के-9 वज्र ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड हॉवित्जर का पिछला ऑर्डर पूरा हो जाने के बाद नया ऑर्डर दिए जाने के लिए कोई प्रारंभिक योजना नहीं थी, लेकिन चीन के साथ तनाव को देखते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। सेना पहले ही एम-777 हल्के हॉवित्जर के लिए ऑर्डर दे चुकी है, जिसकी आपूर्ति अभी जारी है।
 
एलएसी पर भारतीय सेना ने एम-777 हावित्जर तोपों को तैनात किया हैं। अमेरिका से ली जा रही एम-777 की कुल 7 रेजीमेंट बननी हैं जिनमें तीन रेजीमेंट बन गई हैं और चौथी रेजिमेंट बनने की प्रक्रिया में है। दोनों गन सिस्टम की एक दूसरे से तुलना नहीं की जा सकती है क्योंकि दोनों की अपनी अनूठी क्षमता है।
 
रक्षा मंत्रालय ने 2017 में दक्षिण कोरिया की कंपनी हानवा टेकविन से के-9 वज्र-टी 55मिमी/52 कैलिबर तोपों की 100 यूनिट (5 रेजीमेंट) आपूर्ति के लिए 4 हजार 500 करोड़ रुपए का करार किया था। इसमें 10 तोपें पूरी तरह से तैयार हालत में मिली थीं जिन्हें नवंबर 2018 में सेना में शामिल किया गया था।

बाकी 90 टैंक मेक इन इंडिया अभियान के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी लॉर्सन एंड टुब्रो कंपनी ने सूरत के हजीरा में हॉवित्जर तोप निर्माण इकाई में तैयार किए गए हैं। फैक्टरी में तैयार किया गया 100वां टैंक एलएंडटी ने 18 फरवरी 2021 को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को सौंपा था।