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Last Modified: गुरुवार, 6 फ़रवरी 2020 (19:43 IST)

Nirbhaya Case : नए डेथ वारंट के लिए कोर्ट ने दोषियों से मांगा जवाब

Nirbhaya Case : नए डेथ वारंट के लिए कोर्ट ने दोषियों से मांगा जवाब - Nirbhaya case : death warrent
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में तिहाड़ जेल के अधिकारियों द्वारा नए सिरे से मृत्यु वारंट जारी करने को लेकर गुरुवार को दायर याचिका पर मौत की सजा पाए चारों दोषियों से शुक्रवार तक जवाब मांगा।
 
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ जेल के अधिकारियों की याचिका पर चारों दोषियों को शुक्रवार तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। निचली अदालत ने मामले में चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) की फांसी पर ‘अगले आदेशों तक’ 31 जनवरी को रोक लगा दी थी।
 
अपनी याचिका में तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति पहले ही तीन दोषियों की दया याचिकाओं को खारिज कर चुके हैं और इस समय चारों में से किसी का भी आवेदन किसी भी अदालत के समक्ष लंबित नहीं है। पवन ने अब तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है। पवन के पास दया याचिका दाखिल करने का भी विकल्प है।
 
अधिकारियों ने अदालत को दिल्ली उच्च न्यायालय के 5 फरवरी के उस आदेश के बारे में भी अवगत कराया, जिसमें दोषियों को निर्देश दिए गए हैं कि यदि वे चाहें तो शेष कानूनी उपचारों का इस्तेमाल एक सप्ताह के भीतर कर लें।
 
दिल्ली की एक अदालत ने सात जनवरी को उनके मृत्यु वारंट जारी करते हुए दोषियों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया था। हालांकि 31 जनवरी को ‘अगले आदेशों तक’ इसे टाल दिया गया था।
 
पैरामेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा ‘निर्भया’ से 16 दिसंबर 2012 की रात दक्षिण दिल्ली में एक चलती बस में सामूहिक बलात्कार और बर्बरता की गई थी। घटना के एक पखवाड़े बाद सिंगापुर के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में 6 लोगों- मुकेश, विनय, अक्षय, पवन गुप्ता, राम सिंह और एक किशोर को इसमें आरोपी बनाया गया था।
 
पांच वयस्कों के खिलाफ मुकदमा मार्च 2013 में एक विशेष फास्ट ट्रैक अदालत में शुरू हुआ। किशोर ने महिला के साथ ज्यादा बर्बरता की थी और उसे तीन वर्षों तक सुधार गृह में रखा गया था। वर्ष 2015 में जब वह रिहा हुआ तो उसकी उम्र 20 वर्ष थी और उसे अज्ञात स्थान पर भेज दिया गया क्योंकि उसकी जान को खतरा था। मुख्य आरोपी रामसिंह ने तिहाड़ जेल में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
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