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Last Updated : सोमवार, 15 जुलाई 2019 (17:51 IST)

'जनरल' को कैसे इंकार कर सकता है सिपाही (सिद्धू)

'जनरल' को कैसे इंकार कर सकता है सिपाही (सिद्धू) - Navjot Singh Sidhu's resignation dispute
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि यदि नवजोत सिंह सिद्धू अपना काम करना नहीं चाहते तो वो इसमें क्या कर सकते हैं।
 
पूर्व मंत्री नवजोत सिद्धू के इस्तीफे को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में कैप्टन सिंह ने सोमवार को दिल्ली में पत्रकारों से कहा कि मंत्रियों के विभागों में फेरबदल के दौरान उन्हें महत्वपूर्ण बिजली का महकमा सौंपा गया था। धान रोपाई का सीजन है और वो बीच में अपना काम छोड़कर चलते बने। जब अन्य मंत्रियों ने अपने महकमे संभाल लिए तो उन्हें कौनसी दिक्कत थी। जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी, उसे सहर्ष स्वीकार करना चाहिए था। 
 
अनुशासन भी कोई चीज होती है : मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सिद्धू काम ही नहीं करना चाहते तो उसमें वो क्या कर सकते हैं। जनरल की ओर से सौंपे गए काम को करने से सिपाही भला कैसे इंकार कर सकता है। यदि सरकार कारगर ढंग से चलानी है तो अनुशासन नाम की कोई चीज होती है। सिद्धू से सुलह-सफाई की कोशिश को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी कोई ज़रूरत नहीं है। जब मेरा उनसे कोई मतभेद नहीं है तो समस्या की बात ही नहीं उठती। फिर भी इस बारे में तो आप उनसे ही पूछो।
 
उन्होंने कहा कि सिद्धू ने अपना इस्तीफा राहुल गांधी को भेजने में कुछ गलत नहीं किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल का कोई भी फैसला कांग्रेस हाईकमान की सलाह से किया जाता है, इसलिए सिद्धू की ओर से इस्तीफ़ा पार्टी प्रधान को भेजना ठीक है।
कैप्टन अमरिंदरसिंह ने कहा कि उन्होंने आज प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात की क्योंकि मोदी के दूसरे कार्यकाल के बाद वो उनको पहली बार मिले हैं। उन्होंने मोदी से गुरु नानक देवजी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों पर भी विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री ने इस महान समागम में शामिल होने की पुष्टि की है और इस समारोह को सफल बनाने के लिए हर संभव मदद देने का भरोसा दिया।
 
कैप्टन सिंह ने कहा कि विचार-विमर्श के दौरान 31000 करोड़ रुपए के अनाज कर्ज का मसला भी उठा और प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इससे भली-भांति अवगत हैं।
 
पहले इस्तीफा देख तो लूं : मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको बताया गया है कि सिद्धू ने इस्तीफ़ा चंडीगढ़ भेज दिया है, लेकिन वो इसे पढ़ने के बाद ही कोई टिप्पणी कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल फेरबदल में 17 में से 13 मंत्रियों के विभाग बदले गए थे। सिद्धू ही एकमात्र ऐसे मंत्री थे जिसको इससे समस्या हुई है। फेरबदल का फैसला मंत्रियों की कार्यशैली के आधार पर ही लिया गया था और सिद्धू को अपना नया विभाग संभालना चाहिए था।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धू को अहम महकमा बिजली विभाग दिया गया था, जिसकी धान के सीजन के मौके पर जून से अक्टूबर महीने तक महत्ता बढ़ जाती है। पंजाब के कई हिस्सों में उपयुक्त बारिश नहीं पड़ी और बिजली की स्थिति पर रोजाना निगरानी रखने की ज़रूरत होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काम अब वह स्वयं कर रहे हैं। राहुल के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह निश्चित तौर पर गांधी को मिलेंगे।
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