छात्रों को असुविधा नहीं होनी चाहिए : प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्कूली शिक्षा और साक्षरता से जुड़ी शिकायतों के निपटान की दिशा में हुई प्रगति की समीक्षा करते हुए बुधवार को निर्देश दिया कि छात्रों को किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए सभी उपलब्ध प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जाना चाहिए।
मोदी ने सक्रिय प्रशासन एवं समय पर योजनाओं के क्रियानव्यन की समीक्षा के लिए बनाए गए आईसीटी आधारित प्रगति प्लेटफार्म के जरिए 14वीं चर्चा में कहा कि अब लोगों की अपेक्षाएं हैं कि सरकार उनकी समस्याओं का समाधन करने में सक्षम है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से छात्रों की शिकायतें दूर करने के लिए किए जा रहे उपायों को व्यवस्थित बनाने के लिए भी कहा।
उन्होंने छात्रों को किसी तरह की कोई असुविधा न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस तरह की प्रौद्योगिकी से छात्रों को परीक्षा केन्द्रों के बारे में पता लगाने में होने वाली कठिनाइयों को दूर करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सुग्मय भारत अभियान में हुई प्रगति की समीक्षा करते हुए इसकी सराहना की कि केन्द्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों ने इस दिशा में अच्छा काम किया है। इस अभियान के तहत स्कूलों, सरकारी भवनों और रेलवे स्टेशनों तक पहुंच को आसान बनाया जा रहा है।
समीक्षा के दौरान उन्हें बताया कि अब तक आधार के तहत 105 करोड़ पंजीयन हो चुके हैं और पूर्वोत्तर पर अभी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मोदी ने राज्यों से आधार पंजीकरण में तेजी लाने की अपील करते हुए कहा कि पांच से 18 वर्ष आयु वर्ग के लोगों का पंजीयन कराया जाना चाहिए ताकि छात्रवृत्ति और दूसरे स्कूली लाभ सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में हस्तातंरित करने में मदद मिल सके।
प्रधानमंत्री ने सड़क, रेलवे और बिजली क्षेत्र सहित विभिन्न महत्वपूर्ण आधारभूत संरचनाओं के क्षेत्र में हुई प्रगति की भी समीक्षा की। ये परियोजनाएं पंजाब, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और महाराष्ट्र में है। जिन परियोजनाओं की समीक्षा की गई उनमें नांगल बांध, तालवारा रेलवे लाइन शामिल है। (वार्ता)