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Last Updated : गुरुवार, 4 सितम्बर 2014 (14:18 IST)

मोदी का जापानी शिक्षकों को भारत आने का न्योता

मोदी का जापानी शिक्षकों को भारत आने का न्योता - Narendra Modi
-शोभना जैन
 
टोक्यो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (सोमवार को) जापानी शिक्षकों को भारत आने और भारतीयों को जापानी भाषा सिखाने का न्योता दिया। अपनी चर्चित जापान यात्रा के तीसरे दिन आज मोदी ने दोनों देशों के बीच बढ़ती रिश्तों की गर्माहट के बीच यह निमंत्रण दिया।
भारत और जापान के बीच प्रगाढ़ संबंधों पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी शिक्षकों से मुलाकात की और उनसे भारत में लोगों को जापानी भाषा सिखाने का सुझाव दिया।
 
जापान की 5 दिवसीय यात्रा पर शनिवार को पहुंचे मोदी ने आज ताईमेई प्राथमिक स्कूल में शिक्षकों से कहा कि हम अपने स्कूलों में जापानी भाषा सिखाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें इसके लिए शिक्षकों की आवश्यकता है। मैं आप सभी को भारत आने और वहां लोगों को जापानी भाषा सिखाने का न्योता देता हूं।
 
उन्होंने कहा कि भारत के स्कूलों में जापानी भाषा को एक वैकल्पिक भाषा के रूप में शुरू किया गया है, लेकिन भारत में इसके अध्यापकों की कमी है। उन्होंने जापानी भाषा को ऑनलाइन सिखाने की शुरुआत करने का भी आग्रह किया।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान में भारतीय भाषाएं भी शुरू की जा सकती हैं और ऐसे आदान-प्रदान से इस सदी में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के केंद्रीय उच्चतर शिक्षा बोर्ड ने अपने स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में जापानी भाषा को एक विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाना शुरू किया है, लेकिन भारत में जापानी शिक्षकों की कमी है।
 
मोदी ने यह भी कहा कि एशियाई देशों को शिक्षा के क्षेत्र में अधिक तैयार होने की जरूरत है। करीब 136 साल पुराना ताईमेई प्राथमिक स्कूल साल 2011 में आए भूकंप के कारण नष्ट हो गया था जिसका बाद में पुनर्निर्माण किया गया।
 
मोदी ने इस अवसर पर गुजरात में 2001 में आए भूकंप के दौरान भुज शहर में तबाह हुए स्कूल के नुकसान का भी जिक्र किया जिसका पुनर्निर्माण कर उसे दोबारा फिर खड़ा किया गया। मोदी ने बाद में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से भी बातचीत की।
 
गौरतलब है कि जापान के टुफस विश्वविद्यालय सहित अनेक विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जाती है। इसके अलावा अनेक निजी स्कूल तथा शिक्षक भी हिन्दी के प्रति यहां के लोगों में बढ़ती रुचि को देखते हुए हिन्दी पढ़ा रहे हैं।
 
टुफ्स विश्वविद्यालय वहां का ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां हिन्दी एक प्रमुख विषय के रूप में पढ़ाई जाती है। हिन्दी के अलावा छात्रों को भारतीय दर्शन, संस्कृति, इतिहास तथा आज के भारत से भी उन्हें अवगत करया जाता है। इस विश्वविद्यालय सहित कुछ ऐसे संस्थान छात्रों को भारत दर्शन पर भी लाते हैं।
 
यह जानना भी दिलचस्प होगा कि भारत और जापान के बीच बढ़ते व्यापारिक रिश्तों की वजह से रोजगार संभावनाओं के मद्देनजर भारत में भी जापानी सीखने वाले छात्रों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, लेकिन जानकारों के अनुसार उद्योग जगत की बढ़ती जरूरतों के मद्देनजर मांग और आपूर्ति में अब भी अंतर है। कानपुर स्थित भारतीय औद्योगिक संस्थान आईआईटी ने वर्ष 1995 से अपने यहां विदेशी भाषा पाठ्यक्रम के तहत जापानी भाषा पढ़ाना शुरू किया है।
 
इसी माह जापान के विदेश मंत्री हकुबुन शिमोमुरा की भारत यात्रा की दौरान भी दोनों देशों के बीच शैक्षणिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाए जाने के बारे में समझौता हुआ था, लेकिन अनेक कारणों से अब भी जापान जाकर पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या काफी कम है। लेकिन उनका मानना है कि दोनों देशों के बीच बढ़ती नजदीकियों का शैक्षाणिक आदान-प्रदान पर भी अच्छा असर पड़ने की उम्मीद है। (वीएनआई)