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Last Updated : शुक्रवार, 30 जुलाई 2021 (12:33 IST)

हंगामे के दौरान सदस्यों के आचरण पर नायडू ने जताई चिंता, मर्यादा का पालन करने की दी नसीहत

हंगामे के दौरान सदस्यों के आचरण पर नायडू ने जताई चिंता, मर्यादा का पालन करने की दी नसीहत | M.VenkaiahNaidu
नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहे विपक्षी दलों के सदस्यों के विरोध के तौर-तरीकों पर शुक्रवार को गहरी चिंता जताई और कहा कि ऐसे आचरण से संसद की गरिमा धूमिल होती है। उन्होंने सदस्यों से कार्यवाही के दौरान सदन की गरिमा और मर्यादा का ध्यान रखने का आग्रह किया।

 
सुबह 11 बजे जैसे ही उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, नायडू ने पिछले कुछ दिनों से हो रहे हंगामे का उल्लेख करते हुए कहा कि वह इस बात से चिंतित है कि कुछ सदस्य सदन में 'सीटी' बजा रहे हैं तो कुछ हाथों में तख्तियां लेकर मंत्रियों के सामने खड़े हो जा रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में लाया गया है कि कुछ सदस्य सदन में सीटी बजा रहे हैं... अपनी आदत के कारण से... पुरानी आदत के कारण से... यह सदन है। कुछ सदस्य मार्शल के कंधों पर हाथ रख रहे हैं। मुझे नहीं पता कि क्यों ऐसा किया जा रहा है? हाथों में तख्तियां लेकर वे मंत्रियों के सामने खड़े हो जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा करके इस सदन की गरिमा को धूमिल ही किया जा रहा है और मैं इससे बहुत चिंतित हूं।

 
उन्होंने कहा कि उनके पास 2 ही विकल्प हैं या तो इन्हें नजरअंदाज किया जाए और इसे बाजार बनने दिया जाए। हर एक व्यक्ति अपना सीटी बजाते रहे... बजाते रहो। दूसरा विकल्प है कार्रवाई करना। सभापति ने कहा कि विरोध करना, बहिर्गमन करना और पुरजोर तरीके से सरकार का विरोध करना विपक्ष का अधिकार है और कार्यवाही का हिस्सा भी है।
 
उन्होंने कहा कि लेकिन सदन की मर्यादा, परंपरा और पद्धति को भी देखना पड़ेगा। मैं सदस्यों से आग्रह करता हूं कि वे सदन की गरिमा और मर्यादा का पालन करें। मेरी आप सभी से यही अपील है। मानसून सत्र में अब तक एक भी दिन शून्यकाल ना हो पाने तथा प्रश्नकाल के दौरान हंगामे पर अफसोस जताते हुए सभापति ने कहा कि यह सदस्यों की संपत्ति है न कि सरकार की।

 
उल्लेखनीय है कि पेगासस जासूसी विवाद, केंद्र के तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी दलों सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य लगातार संसद में हंगामा कर रहे हैं। मानसून सत्र का पहला सप्ताह इसी हंगामे की भेंट चढ़ गया और दूसरा सप्ताह भी इसी राह पर है। सदन में अभी तक कोई महत्वपूर्ण कामकाज नहीं हो सका है। पहले सप्ताह कोविड-19 महामारी पर सदन में 4 घंटे बहुस हुई थी। पिछले सप्ताह ही हंगामे के दौरान आपत्तिजनक आचरण के लिए तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया है।(भाषा)