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Last Modified: शनिवार, 5 नवंबर 2016 (17:49 IST)

वेंकैया ने की 'टीवी चैनल' पर प्रतिबंध की आलोचना की निंदा

वेंकैया ने की 'टीवी चैनल' पर प्रतिबंध की आलोचना की निंदा - M. Venkaiah Naidu, TV channel ban dispute
चेन्नई। एनडीटीवी इंडिया पर लगाए गए 1 दिन के प्रतिबंध की आपातकाल से तुलना किए जाने की निंदा करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि हिन्दी न्यूज चैनल के खिलाफ कार्रवाई देश की सुरक्षा के हित में की गई।
नायडू ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राजग सरकार मीडिया की स्वतंत्रता का बेहद सम्मान करती है और इस प्रकार के मुद्दों से केवल देश की सुरक्षा और संरक्षा प्रभावित होगी। उन्होंने आपातकाल के काले दिनों के बारे में बात करने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी आड़े हाथ लिया।
 
सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि मैं हैरान और भौंचक्का रह गया हूं। कुछ लोग आपातकाल जैसी स्थिति के बारे में बात कर रहे हैं। कार्रवाई देश की सुरक्षा और संरक्षा के हित में की गई। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे कैसे कह रहे हैं कि यह पहली बार है। मैंने एक समाचार पत्र में शनिवार को पढ़ा कि यह पहली बार है (कि सरकार ने एक टेलीविजन चैनल पर प्रतिबंध जारी किया है)। क्या मैं सूची दूं कि कितनी बार चैनलों को प्रसारण बंद करने का आदेश दिया गया था? 
 
पूर्व में प्रतिबंधित किए गए कुछ चैनलों के नामों की सूची गिनाते हुए नायडू ने कहा कि एएक्सएन को 2 महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया। एफटीवी को 2 महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया। एंटर10 को 1 दिन के लिए। एबीएन आंध्र ज्योति को 7 दिन के लिए। अल जजीरा को भारत का गलत मानचित्र दिखाने के लिए 5 दिनों की खातिर।
 
उन्होंने कहा कि ये सब पहले किया गया। अब वे कह रहे हैं कि ऐसा पहली बार हो रहा है। लोकतंत्र की हत्या, आपातकाल की याद आ गई और भी सब। उन्होंने कहा कि लोग जानते हैं कि क्या अच्छा है और क्या बुरा और लोग समझते हैं कि देश के व्यापक हित में क्या जरूरी है। इसलिए मैंने देखा कि सोशल मीडिया पर लोगों ने सरकार के रुख का समर्थन किया है, केवल कुछ लोगों को छोड़कर जिन्हें पूरी जानकारी नहीं है।
 
नायडू ने कहा कि ऐसे मुद्दों का राजनीतिकरण देश की सुरक्षा और संरक्षा को प्रभावित करेगा। नायडू यहां बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में भाग लेने आए थे। उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दों पर कार्रवाई करना सरकार का दायित्व है और इसके लिए अदालत जाने की जरूरत नहीं है। 
 
उन्होंने कहा कि मुझे कल को संसद को जवाब देना होगा। मुझे कल को जनता को जवाब देना होगा। नायडू ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आपातकाल के काले दिनों की बात कर रहे हैं। आपको पता है आपातकाल क्या होता है? कुछ लोग जो उस समय कांग्रेस में थे और अब विभिन्न राजनीतिक दलों में हैं वे भी खटराग में शामिल हो गए हैं, क्योंकि यह फैशन बन गया है। वे सरकार की आलोचना करने के हर मौके का इस्तेमाल करना चाहते हैं और हर बात के लिए प्रधानमंत्री का नाम लेते हैं। 
 
नायडू ने कहा कि भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार मीडिया की स्वतंत्रता का सर्वोच्च सम्मान करती है और कभी भी इसके अतिक्रमण की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा मैं प्रेस की आजादी पर किसी प्रकार के अतिक्रमण की अनुमति नहीं दूंगा। इस मामले में किसी चैनल विशेष के खिलाफ हम नहीं हैं, सरकार ने देश के श्रेष्ठ हित में यह कार्रवाई की। 
 
सूचना मंत्री ने कहा कि प्रेस की आजादी बेहद महत्वपूर्ण है और देश की अखंडता सर्वाधिक महत्वपूर्ण है इसीलिए सरकार ने यह फैसला लिया है अन्यथा कोई कारण नहीं है। मंत्री ने कहा कि प्रतिक्रिया से ऐसा लगता है कि यह बिना बात विवाद पैदा करने की योजना से प्रेरित है।
 
उन्होंने जोर देकर कहा कि देश के लोगों को यह जानना चाहिए कि संप्रग सरकारों ने 2005 से 2014 के बीच 21 मामलों में कई टीवी चैनलों को 1 दिन से लेकर 2 महीने के लिए प्रसारण बंद करने के आदेश दिए थे, जो अश्लील दृश्यों को लेकर थे। इनमें से 13 मामले वयस्क प्रमाणपत्र वाली फिल्मों के प्रसारण को लेकर थे। (भाषा)
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