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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 10 दिसंबर 2015 (16:17 IST)

कांग्रेस और तृणमूल के सदस्यों ने लोस से किया बहिर्गमन

कांग्रेस और तृणमूल के सदस्यों ने लोस से किया बहिर्गमन - Lok Sabha
नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य वीरेंद्र सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने गुरुवार को लोकसभा से बहिर्गमन किया और दिनभर सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया।

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह मामला उठाते हुए कहा कि भदोही से भाजपा के सांसद ने बुधवार को गांधी और सिंधिया के खिलाफ सदन में अपमानजनक टिप्पणी की थी। साथ ही उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में भी आपत्तिनजक अभद्र टिप्पणी की थी। खड़गे ने सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।

इस पर संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि कांग्रेस के कुछ सदस्य बुधवार को सदन के बीचोबीच आ गए थे और उन्होंने पेपर भी फेंके। उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। कोई भी कार्रवाई एकतरफा नहीं हो सकती।

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि गांधी और सिंधिया के खिलाफ टिप्पणी को कार्यवाही से निकाल दिया गया है। उन्होंने वीरेंद्र सिंह को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्होंने जो टिप्पणी की है वह उचित नहीं है। अध्यक्ष ने साथ पेपर फेंकने वाले कांग्रेस के सदस्यों से भी कहा कि आसन के समक्ष पेपर फेंकना और आसन की मेज तक आना ठीक नहीं है। सभी सदस्यों को इससे बचना चाहिए।

महाजन ने इसके बाद प्रश्नकाल शुरू किया लेकिन कांग्रेस सदस्य सदन के बीचोबीच आकर नारेबाजी करने लगे। इससे प्रश्नकाल बाधित हुआ और अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही पुन: शुरू होने पर कांग्रेस सदस्य फिर आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे लेकिन प्रश्नकाल चलता रहा।

इसके बाद शून्यकाल शुरू होने पर तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने खड़गे की बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को सिंह को माफी मांगने के लिए कहना चाहिए। खड़गे ने फिर से अपनी बात रखते हुए कहा कि सत्ता पक्ष ने सिंह को रोकने के बजाय उनका उत्साहवर्द्धन किया था, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार असहिष्णुता को बढ़ावा दे रही है, वह राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रही है और सदन के सदस्यों को बदनाम किया जा रहा है।

खड़गे ने कहा कि जब तक वीरेंद्र सिंह माफी नहीं मांगते हैं और उन्हें निलंबित नहीं किया जाता है, तब तक कांग्रेस सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेगी। इसके बाद कांग्रेस के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि पिछले 2 दिन से कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आकर हंगामा कर रहे हैं, क्या यह अध्यक्ष का अपमान नहीं है? यह दोहरा मापदंड नहीं चलेगा। कांग्रेस ने सदन को बाधित करने की जो परंपरा बनाई है उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि नायडू को सदन का कामकाज सुचारु रूप से चलाने के लिए पहल करनी चाहिए। सदन चलाने में भाजपा का प्रबंधन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है। उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए सिंह पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो। इसके साथ ही तृणमूल के सदस्यों ने भी बहिर्गमन किया।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तारिक अनवर ने कहा कि सदन की मर्यादा की रक्षा करना अध्यक्ष के हाथ में है। सिंह को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के मोहम्मद सलीम ने कहा कि पिछले 2 दिन से सदन में हंगामा हो रहा है। यह गलत है। सरकार को पूरे विपक्ष को साथ लेकर चलना चाहिए। बीजू जनता दल के भर्तृहरि मेहताब ने कहा कि हंगामे के बीच कोई विधेयक पारित नहीं किया जाना चाहिए। (वार्ता)