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Last Modified: रविवार, 7 नवंबर 2021 (15:47 IST)

VAT की सियासत, जानिए क्या है पेट्रोल-डीजल पर टैक्स का गणित...

VAT की सियासत, जानिए क्या है पेट्रोल-डीजल पर टैक्स का गणित... - Know what is the math of tax on petrol and diesel
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद दिल्ली में पेट्रोल पर कुल कर घटकर 50 प्रतिशत और डीजल पर 40 प्रतिशत रह गया है। वहीं उन राज्यों में वाहन ईंधन पर कर और कम हो गया है, जिन्होंने उत्पाद शुल्क कटौती के बाद वैट या बिक्री कर घटाया है। देश में सबसे ज्यादा वैट राजस्थान में ही लगता है।

उल्लेखनीय है कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें तेल की मूल कीमतों में केंद्रीय उत्पाद शुल्क, डीलरों को दिया जाने वाला कमीशन और वैट को जोड़ने के बाद तय की जाती हैं। तेल की मूल कीमत में मौजूदा अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर और माल ढुलाई भाड़ा आता है।

दिल्ली में कितना लगता है टैक्स : सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों से उपलब्ध ईंधन की मूल्य संरचना के अनुसार, शुल्क में कटौती से पहले एक नवंबर को दिल्ली में केंद्रीय उत्पाद शुल्क 32.90 रुपए प्रति लीटर और वैट 30 प्रतिशत था, जो पेट्रोल के खुदरा बिक्री मूल्य का 54 प्रतिशत बैठता है। यह उत्पाद शुल्क में 5 रुपए प्रति लीटर की कमी के बाद दिल्ली में घटकर 50 प्रतिशत रह गया है।

इसी तरह दिल्ली में डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 31.80 रुपए प्रति लीटर, वैट 16.75 प्रतिशत और प्रति किलोलीटर 250 रुपए का हवाई परिवेश शुल्क लगता है, जिससे कुल मिलाकर कर 48 प्रतिशत तक पहुंच गया था। यह उत्पाद शुल्क में 10 रुपए प्रति लीटर की कटौती के बाद दिल्ली में घटकर 40 प्रतिशत पर आ गया है। अगर वैट में कटौती की जाती है, तो कीमतें और नीचे आएंगी।

केंद्र सरकार की उत्पाद शुल्क कटौती के साथ ही 2 दर्जन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वैट में कमी की है। इससे इन राज्यों में खुदरा कीमतों में और कमी आई है।

इन 4 राज्यों में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा वैट : राजस्थान में पेट्रोल पर सबसे अधिक 30.51 रुपए प्रति लीटर का वैट लागू है। इसके बाद महाराष्ट्र में 29.99 रुपए, आंध्र प्रदेश (29.02 रुपए) और मध्य प्रदेश (26.87 रुपए) का नंबर आता है। अंडमान और निकोबार में सबसे कम 4.93 रुपये प्रति लीटर का वैट लगता है।

यहां डीजल पर ज्यादा VAT : इसी तरह डीजल की मूल कीमत चेन्नई में 52.13 रुपए प्रति लीटर से लेकर लद्दाख में 59.57 रुपए प्रति लीटर तक है। इसके ऊपर केंद्र सरकार 21.80 रुपए का उत्पाद शुल्क लेती है। सबसे अधिक वैट 21.19 रुपए प्रति लीटर आंध्र प्रदेश में लागू है। उसके बाद राजस्थान में 21.14 रुपए और महाराष्ट्र में 20.21 रुपए प्रति लीटर का वैट लगाया जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश सबसे कम 4.40 रुपए प्रति लीटर और अंडमान और निकोबार 4.58 रुपए वैट लेता है। पेट्रोल पंप डीलरों को पेट्रोल पर 3.85 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 2.58 रुपए प्रति लीटर का कमीशन दिया जाता है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, ताकि ईंधन की रिकॉर्ड-उच्च कीमतों से परेशान उपभोक्ताओं को राहत मिल सके।

इन राज्यों ने घटाया वैट : वैट दर कम कर लोगों को अतिरिक्त राहत देने वाले राज्यों में पंजाब, कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार और मध्य प्रदेश शामिल हैं। इनमें गोवा, गुजरात, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, मेघालय और लद्दाख भी शामिल हैं।

यहां नहीं मिली राहत : जिन राज्यों ने अब तक वैट कम नहीं किया है उनमें कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा शासित राजस्थान, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड और तमिलनाडु शामिल हैं। इनमें आप शासित दिल्ली, तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल, वाम दल शासित केरल, टीआरएस शासित तेलंगाना और वाईएसआर कांग्रेस शासित आंध्र प्रदेश भी शामिल हैं।
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