शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Kareena Kapoor
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 5 सितम्बर 2014 (13:34 IST)

मैं फिर स्कूल जाना चाहती हूं-करीना कपूर

मैं फिर स्कूल जाना चाहती हूं-करीना कपूर - Kareena Kapoor
नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर का कहना है कि उन्हें स्कूल जाना कभी रास नहीं आता था क्योंकि औसत दर्जे का विद्यार्थी होने के कारण उन्हें दिक्कत महसूस होती थी।
 
भारत में शिक्षा के लिए यूनिसेफ की सैलिब्रेटी पैरोकार 33 वर्षीय अभिनेत्री का कहना है कि बचपन में उन्हें अपने शिक्षकों से ज्यादा तवज्जो नहीं मिली क्योंकि वह कक्षा में आगे नहीं बैठा करती थीं।
 
करीना ने कहा कि मेरी मां मुझे स्कूल जाने के लिए सुबह छह बजे उठाया करती थीं और मैं उनसे कहती थी, एक घंटा और। दस साल की उम्र में मुझे दबाव महसूस होने लगा था कि मेरे स्कूल का बस्ता सबसे भारी है। मैं कक्षा में सो जाया करती थी और औसत विद्यार्थी होने के कारण कोई मुझे खास भाव भी नहीं देता था। 
 
उनका कहना है, कक्षा में आगे बैठने वालों पर सभी ध्यान देते थे। मुझे बुरा लगता था और मैं अपनी मां से कहा करती थी कि मैं घर में ही पढ़ाई कर लूंगी या फिर फिल्में देख लूंगी। 
 
‘सिंघम रिटर्नस’ स्टार ‘चाइल्ड फ्रेंडली स्कूल्स एंड सिस्टम्स (सीएफएसएस)’ लांच करने के लिए वे राजधानी दिल्ली में थीं। यह शिक्षा के अधिकार पर लगातार ध्यान देने की जरूरतों पर बल देता है।
 
किस तरह का स्कूल चाहती हैं करीना... पढ़ें अगले पेज पर....
 
 

करीना का कहना है कि वह शिक्षा की गुणवत्ता में यकीन रखती हैं और बच्चों के लिए अनुकूल स्कूल होना चाहिए। यूनिसेफ की सेलिब्रिटी अधिवक्ता करीना कपूर ने गुरुवार को यहां बच्चों के अनुकूल स्कूल एवं सिस्टम पैकेज को लांच किया। यह पैकेज बच्चों को उनके अनुकूल और समावेशी शिक्षा के वातावरण का लाभ देने के लिए है। 
 
करीना ने कहा कि मैं शिक्षा की गुणवत्ता में यकीन करती हूँ। मैं राजस्थान में बच्चों केअनुकूल स्कूल का दौरा करके बहुत खुश हुई। कक्षाएं साफ और रंग-बिरंगी थीं। बच्चों के चेहरे पर खुशी थी। वहां गतिविधि आधारित शिक्षण भी था। यह सब देखने के बाद मैं फिर से स्कूल जाना चाहती हूँ। 
 
करीना अब उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के स्कूलों का दौरा करने को उत्सुक हैं। करीना ने कहा कि शायद अगले महीने मैं भोपाल या छत्तीसगढ़ जाऊं। (एजेंसियां)