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Last Modified: सोमवार, 22 फ़रवरी 2016 (22:47 IST)

जेएनयू के आरोपित छात्र बेगुनाही का सबूत पेश करें : बस्सी

जेएनयू के आरोपित छात्र बेगुनाही का सबूत पेश करें : बस्सी - JNU scandal
नई दिल्ली। जेएनयू के फरार छात्रों और दिल्ली पुलिस के बीच लुकाछिपी का खेल सोमवार को भी जारी रहा। देशद्रोह के आरोपी चूहे की तरह जेएनयू कैंपस में छुपे हैं और सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात रख रहे हैं जबकि दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस के पैरों में कैंपस में घुसने के लिए बेड़ियां पड़ी हुई हैं। दिल्ली के पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने दो टुक शब्दों में कहा कि यदि आरोपित छात्रों को लगता है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है तो उन्हें अपनी बेगुनाही का सबूत देना होगा।
जेएनयू पुलिस यदि बल प्रयोग करती है तो जवाहरलाल यूनिवर्सिटी जैसे नामी शिक्षण संस्थान में हिंसा फैल सकती है, इसीलिए वह कोई संभावित अप्रिय स्थिति से बच रही है।  जेएनयू कांड दिल्ली पुलिस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न इसलिए बन गया है क्योंकि यहां पर 9 फरवरी के दिन राष्ट्रविरोधी नारे लगे और वीडियो सामने आने के बाद 6 छात्रों को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ है।
 
जेएनयू के जिन छात्रों खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, उनमें छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बाण भट्‍टाचार्य, रामा नागा, आशुतोष कुमार और अनंत प्रकाश हैं। कन्हैया को गिरफ्तार किया जा चुका है और वह 2 मार्च तक न्यायिक हिरासत में है। 
 
सोमवार को आरोपित छात्र जेएनयू कैंपस पहुंच गए और उन्होंने रात में 2 बार छात्रों को संबोधित किया। पुलिस मेनगेट पर तैनात रही और रात 1 बजकर 10 मिनट पर खाली हाथ लौट गई। इन छात्रों पर संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप हैं। इन छात्रों ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया बल्कि ‘डॉक्टर्ड वीडियो’ का इस्तेमाल कर उन्हें फंसाया गया।
 
उधर दिल्ली पुलिस कमिश्नर बस्सी ने कहा है कि देशद्रोह का आरोप झेल रहे जेएनयू छात्रों को अगर लगता है कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया तो उन्हें सबूत देने होंगे। दूसरी तरफ आरोपी छात्रों का कहना है कि वे आत्म समर्पण नहीं करेंगे और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करे। इस तरह वे सीधे-सीधे दिल्ली पुलिस को चुनौती दे रहे हैं।
 
देशद्रोह के आरोपी जिन पांच छात्रों की पुलिस खोज कर रही है, उनके परिसर में दोबारा दिखाई देने के मुद्दे पर चर्चा के लिए जेएनयू प्रशासन ने विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों की बैठक बुलाई। विश्वविद्यालय के वाइस चासंलर ने कहा कि वे पुलिस को कैंपस में आने की अनुमति नहीं देंगे। 
 
जेएनयू के रजिस्ट्रार भूपेंद्र जुत्शी ने कहा कि उन्हें मीडिया में आई खबरों से पता चला है कि छात्र परिसर में मौजूद हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनसे अभी तक छात्रों की ओर से कोई बात नहीं की गई है। उन्होंने कहा आज हम बैठक कर रहे हैं, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा होगी और भविष्य की कार्रवाई पर फैसला किया जाएगा।
 
हालांकि जुत्शी ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया कि कोई कदम उठाने से पहले विश्वविद्यालय के अधिकारी इन पांच छात्रों से बात करेंगे या नहीं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि कुलपति छात्रों से आत्मसमर्पण करने के लिए कहें।
 
जेएनयू छात्र संघ की उपाध्यक्ष शहला राशिद शोरा ने कहा कि वे सभी यहां उस आंदोलन से जुड़ने के लिए हैं, जो कि विश्वविद्यालय को राष्ट्र-विरोधियों का गढ़ करार देने के खिलाफ है। उन्हें कोई समन नहीं जारी किया गया है इसलिए आत्मसमर्पण करने का सवाल ही नहीं उठता है। यदि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती है तो वे जांच में सहयोग करेंगे।
 
जेएनयू के टीचर एसोसिएशन ने मांग की है कि सभी निलंबित छात्रों का निलंबन समाप्त किया जाना चाहिए। साथ ही इन लोगों ने जेएनयू की जांच समिति पर अपना अविश्वास जताया है।इन छात्रों पर संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाने के आरोप हैं। इन छात्रों ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया बल्कि उन्हें फंसाया गया।