गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
Written By भाषा
Last Updated : सोमवार, 8 सितम्बर 2014 (08:33 IST)

जन्नत में जलप्रलय, राष्ट्रीय आपदा घोषित

jammu-flood
जम्मू। धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर में पिछले चार दिनों तक बाढ़ के कहर बरपाने के बाद पांचवें दिन रविवार को मौसम में थोड़ा सुधार तो हुआ, लेकिन जलप्रलय का मंजर बरकरार रहा।

बीते 60 सालों में पहली बार राज्य में आई भीषण बाढ़ में अब तक 220 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी यहां जलप्रलय का मंजर देखा। प्रभावित इलाकों का हवाई निरीक्षण करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राज्य में जिस प्रकार से बाढ़ ने कहर बरपाया है, यह किसी राष्ट्रीय आपदा से कम नहीं है।

उन्होंने इसे राष्ट्रीय स्तर की आपदा बताते हुए राहत और बचाव कार्यो के लिए 1000 करोड़ रुपए और दिए। साथ ही प्रधानमंत्री राहत कोष से एक लाख कंबल खरीदकर प्रभावितों में बांटने का एलान भी किया। अब तक करीब 13 हजार लोग सुरक्षित बचाए जा चुके हैं। भारत-पाकिस्तान सीमांत इलाके से सेना और बीएसएफ के 180 जवानों को भी एयरलिफ्ट कर बाहर निकाला गया। जम्मू-कश्मीर सरकार को राहत व बचाव कार्यो के लिए अब तक 1100 करोड़ पहले ही दिए जा चुके हैं।

दूसरी ओर, जम्मू संभाग के ऊधमपुर में पहाड़ धंसने से करीब 37 लोगों के मरने की आशंका है। पूरे जम्मू संभाग में कुल 50 लोगों की मौत हुई। एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। कश्मीर में भी बाढ़ से हालात गंभीर बने हुए हैं। बिजली-पानी के साथ संचार सुविधा पूरी तरह ठप रहने से घाटी में संपर्क नहीं हो पा रहा है।

श्रीनगर में लाल चौक, मिलिट्री बेस, सचिवालय, हाई कोर्ट और अस्पताल सभी पानी में डूबे पड़े हैं। थलसेना अध्यक्ष दलबीर सिंह सुहाग ने भी अखनूर के सीमावर्ती बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौर का सेना की ओर से चलाए जा रहे राहत अभियान का जायजा लिया। करीब 15 हजार जवान बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटे हैं।

उधर, ऊधमपुर के चढ़ई मुत्तल में भी एक मकान गिरने से छह लोगों की मौत हो गई। रियासी जिले में भूस्खलन से एक व्यक्ति की जान चली गई। इसके अलावा जम्मू के अलग-अलग क्षेत्रों से चार शव बरामद हुए। कश्मीर में भी कई लोग बाढ़ से लापता हो गए हैं। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया, लेकिन अभी कई लोग अपने घरों में ही फंसे हुए हैं। जम्मू के कई इलाकों में बिजली, पानी की सप्लाई ठप पड़ी हुई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, तबाही में अब तक सिर्फ सौ लोगों की ही मौत हुई है। (भाषा)