शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Indian army killed 311 terrorist in jammu Kashmir
Written By सुरेश डुग्गर

कश्मीर में सेना ने 2018 में रिकॉर्ड 311 आतंकी मार गिराए

कश्मीर में सेना ने 2018 में रिकॉर्ड 311 आतंकी मार गिराए - Indian army killed 311 terrorist in jammu Kashmir
जम्मू। कश्मीर के मोर्चे पर वर्ष 2018 सेना को खुशी दे गया है क्योंकि इस साल समाचार लिखे जाने तक 311 आतंकी मार डाले गए थे। पिछले दस सालों में आतंकियों की मौत का यह सबसे बड़ा आंकड़ा था। हालांकि अभी चिंता के बादल छंटे नहीं हैं क्योंकि 300 से अधिक आतंकी अभी भी कश्मीर में सक्रिय हैं तथा स्थानीय युवकों में आतंकवाद की ओर आकर्षण अभी भी बरकरार है।
 
सेना की 15 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार भट्ट द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, कश्मीर में इस साल यानी 2018 में सुरक्षा बलों ने 311 आतंकियों को ढेर किया है। उन्होंने इसका श्रेय सुरक्षा बलों के बीच शानदार तालमेल और ऑपरेशन की आजादी को दिया। खास बात ये है कि पिछले एक दशक के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो इस साल सबसे अधिक आतंकी मारे गए हैं। इससे पहले साल 2010 में 2010 में 232 आतंकी मारे गए थे।
 
इसके साथ ही घाटी में आतंकी घटनाओं के ग्राफ में भी पहले के मुकाबले इजाफा हुआ है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि इस साल जम्मू कश्मीर में 429 आतंकी घटनाएं हुई हैं, जबकि बीते साल 342 आतंकी घटनाएं हुई थीं। इसके अलावा इस साल दिसंबर के पहले हफ्ते तक सुरक्षा बलों के 80 जवान शहीद हुए और पिछले साल भी 80 जवान शहीद हुए थे।
 
खास बात ये है कि इस साल कुल मारे गए 311 आतंकियों का आंकड़ा दिसंबर के पहले हफ्ते तक 223 था, जिसका मतलब है कि बीते 3 हफ्तों में ही 88 आतंकी ढेर हुए हैं। दिसंबर के पहले हफ्ते तक मारे गए कुल आतंकियों में 93 विदेशी थे। 15 सितंबर को सूबे में स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव के ऐलान के बाद से अगले 80 दिनों में ही 81 आतंकी मारे गए। वहीं, 25 जून से लेकर 14 सितंबर के बीच 51 आतंकी ढेर किए गए। वहीं 15 सितंबर से 5 दिसंबर के बीच 2 स्थानीय नागरिक भी मारे गए।
 
जम्मू कश्मीर में 19 जून को राज्यपाल शासन लागू होने के बाद पहले के मुकाबले ज्यादा आतंकी ढेर हुए हैं। इस दौरान सुरक्षा बलों ने घाटी में कई शीर्ष आतंकी कमांडरों को भी ढेर किया। इनमें लश्कर कमांडर नवीद जट, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर का भतीजा स्नाइपर उस्मान हैदर और हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर अल्ताफ अहमद डार भी शामिल हैं।
 
वहीं सेना की आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में स्थानीय लोगों के विरोध-प्रदर्शन एक बड़ी अड़चन रही। पत्थरबाजी की इन घटनाओं 25 जून से 14 सितंबर के बीच 8 नागरिक मारे भी गए और 216 घायल हुए। इसके अलावा दिसंबर में एक एनकाउंटर के बाद पत्थरबाजों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें सेना की जवाबी कार्रवाई में 6 स्थानीय लोगों की मौत हो गई।
 
मौजूदा समय में सेना के लिए जो चिंता की बात बनी हुई है, वो है स्थानीय आतंकियों की भर्ती में इजाफा। हिज्बुल मुजाहिदीन और पाकिस्तानी आतंकी संगठन स्थानीय कश्मीरियों को भर्ती कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि हाल के महीनों में आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्ती के मामलों में मामूली कमी आई है। फिर भी इस समय घाटी में 250 से 300 आतंकियों के सक्रिय होने का अनुमान है।
 
पिछले साल जहां 40 नागरिकों की मौत हुई थीं वहीं इस साल 77 नागरिक मारे गए हैं। इस साल 80 जवान शहीद हुए हैं जबकि पिछले साल भी इतने ही जवान शहीद हुए थे। घाटी में इस साल आतंकी हमले बढ़े हैं। इसकी वजह पाकिस्तानी आतंकियों को लोकल काडर से मिलने वाला साथ है। 
 
चार पुलिसकर्मी बर्खास्त : सोमवार को जम्मू कश्मीर में एक कांग्रेसी विधायक के आवास पर गार्ड के रूप में तैनात चार पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। विधायक के घर से एक दिन पहले चार हथियार गायब हो गए थे, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

एसएसपी इम्तियाज इस्माइल पर्रे का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। कश्मीर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस एसपी पानी ने घटना की पुष्टि की है। पुलिस ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में चारों पुलिस कर्मियों से पूछताछ की जा रही है। तीन कर्मी सिक्योरिटी विंग के और एक जिला पुलिस लाइन से हैं।
 
गौरतलब है कि इसी साल सितंबर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के एक नेता के घर से स्पेशल पुलिस ऑफिसर आदिल बशीर शेख ने सात राइफलें और एक लाइसेंस पिस्टल लेकर फरार हो गया था। बाद में आदिल ने आतंकियों के साथ अपनी फोटो सोशल साइट पर डाली थी। इसमें लूटे हुए हथियार भी थे।
ये भी पढ़ें
अपना घर चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है...