शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. India reaction on Nepal new map
Written By
Last Updated : गुरुवार, 21 मई 2020 (15:08 IST)

नेपाल के नए नक्शे पर भारत नाराज, अनुचित मानचित्रण से बचने को कहा

नेपाल के नए नक्शे पर भारत नाराज, अनुचित मानचित्रण से बचने को कहा - India reaction on Nepal new map
नई दिल्ली। नेपाल द्वारा अपने नए राजनीतिक नक्शे में लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापाली को अपने क्षेत्र में प्रदर्शित किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने कहा कि क्षेत्र में कृत्रिम विस्तार के दावे को स्वीकार नहीं किया जाएगा। भारत ने इस तरह के अनुचित मानचित्रण से पड़ोसी देश को बचने को कहा।
 
भारत की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब नेपाल सरकार ने अपने संशोधित राजनीतिक एवं प्रशासनिक नक्शे में लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को अपने क्षेत्र के तहत प्रदर्शित किया।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा किइस तरह का एकतरफा कार्य ऐतिहासिक तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित नहीं है। यह द्विपक्षीय समझ के विपरीत है जो राजनयिक वार्ता के जरिये लंबित सीमा मुद्दों को सुलझाने की बात कहता है।
 
उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्रिम तरीके से क्षेत्र में विस्तार के दावे को भारत स्वीकार नहीं करेगा। श्रीवास्तव ने नेपाल से भारत की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने को कहा और उम्मीद जताई कि नेपाली नेतृत्व लंबित सीमा मुद्दे के समाधान के संबंध में राजनयिक वार्ता के लिए सकारात्मक माहौल बनायेगा।
 
उन्होंने कहा कि नेपाल इस मामले में भारत के सतत रूख से अवगत है और हम नेपाल की सरकार से इस तरह के अनुचित मानचित्रण से बचने का आग्रह करते हैं तथा उनसे भारत की सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने को कहते हैं।
 
गौरतलब है कि नेपाल के भूमि सुधार मंत्री पद्म अरयाल ने संवाददाता सम्मेलन में नया नक्शा जारी किया। लिपुलेख दर्रा, कालापानी के पास सुदूर पश्चिमी क्षेत्र है जो नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमा क्षेत्र रहा है।
 
मानचित्र विवाद के बीच थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि यह विश्वास करने के कारण हैं कि नेपाल ने किसी और के इशारे पर सड़क को लेकर आपत्ति जताई है। जाहिर तौर पर उनकी टिप्पणी चीन की संभावित भूमिका के संदर्भ में थी।
 
 नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमावर्ती क्षेत्र कालापानी के पास लिपुलेख दर्रा है। भारत और नेपाल दोनों कालापानी को अपने क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा मानते हैं। भारत के अनुसार यह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा है जबकि नेपाल उसके अपने धारचूला जिले का हिस्सा होने का दावा करता है।
 
नेपाली प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने मंगलवार को कहा कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा नेपाल के हैं और उन्होंने संकल्प लिया कि राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से भारत से उन्हें फिर से प्राप्त कर लिया जाएगा। (भाषा)