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Last Modified: बुधवार, 24 जून 2020 (18:30 IST)

ICMR ने दी एंटीजन टेस्ट को हरी झंडी, सिर्फ 30 मिनट में मिलेगी कोरोना रिपोर्ट

ICMR ने दी एंटीजन टेस्ट को हरी झंडी, सिर्फ 30 मिनट में मिलेगी कोरोना रिपोर्ट - ICMR allows antigen tests in all states
नई दिल्ली। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोनावायरस (Coronavirus) से लड़ाई का दायरा बढ़ाते हुए सभी राज्यों को रैपिड एंटीजन टेस्ट की इजाजत दे दी है। इस टेस्ट की रिपोर्ट 30 मिनट में मिल जाएगी। 
 
आईसीएमआर ने सभी राज्यों को एंटीजन टेस्ट करने की मंजूरी दे दी है। इसके साथ सभी अस्पताल, ऑफिस और पब्लिक सेक्टर यूनिट को रैपिड एंटीजन टेस्ट कराने की सलाह भी दी। ICMR ने अपनी गाइडलाइन में प्रत्येक कंटेनमेंट जोन के सरकारी व निजी अस्पताल और प्राइवेट लैब को यह जांच उपलब्ध कराने की बात कही है।
 
दरअसल, एंटीजन टेस्ट का उद्देश्य लोगों के मन से डर और बेचैनी दूर करना है। इससे यह भी पता लगाया जा सकेगा कि व्यक्ति को पहले कभी कोरोना संक्रमण हुआ था या नहीं। 
 
आईसीएमआर ने कहा कि एंटीजन टेस्ट किट के जरिए ऑन द स्पॉट जांच कराई जा सकती है और 30 मिनट में रिजल्ट आ जाता है। एक किट की कीमत 450 रुपए है। यदि कोरोना संदिग्धों का एंटीजन टेस्ट नेगेटिव आता है तो फिर उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाएगा।
 
साउथ कोरियाई किट : यह एंटीजन किट दक्षिण कोरिया ने विकसित की है। स्टैंडर्ड एंटीजन किट (Q COVID-19 Ag kit) से जांच करने की सलाह देते हुए कहा गया है कि इस जांच के लिए किसी तरह की मशीन की जरूरत नहीं है। इतना ही नहीं जांच के परिणाम आंखों से देखे जा सकते हैं। आईसीएमआर और एम्स इस किट की जांच करने की क्षमता को परख चुके हैं। 
 
कहां होगा एंटीजन टेस्ट : राज्य सरकार द्वारा चिन्हित कंटेनमेंट जोन, सभी सेंट्रल-स्टेट गवर्नमेंट कॉलेज और सरकारी अस्पताल, नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर से मान्यता प्राप्त प्राइवेट अस्पताल, 
नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर लैबोरेट्रीज से मान्यता प्राप्त प्राइवेट लैब, आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त टेस्टिंग लैब में कंटेनमेंट जोन और हॉटस्पॉट में इंफ्लुएंजा जैसे लक्षण दिखने पर टेस्टिंग किट का इस्तेमाल होगा। ऐसा भी कहा गया है कि ऐसे लोग जिनमें लक्षण नहीं दिख रहे (एसिम्प्टोमैटिक) हैं या फिर वे संक्रमित मरीजों से मिले हैं, उनका भी टेस्ट होना चाहिए। अस्पताल में भर्ती कीमोथैरेपी व ट्रांसप्लांट के मरीज और 65 साल से अधिक लोगों की भी जांच की बात कही गई है। 
 
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