गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. farmers protest on Jantar Mantar
Written By
Last Updated : गुरुवार, 22 जुलाई 2021 (15:02 IST)

कृषि कानून के खिलाफ जंतर-मंतर पर किसानों की 'संसद', बनाए 3 स्पीकर, बोलने के लिए 90 मिनट का वक्त

कृषि कानून के खिलाफ जंतर-मंतर पर किसानों की 'संसद', बनाए 3 स्पीकर, बोलने के लिए 90 मिनट का वक्त - farmers protest on Jantar Mantar
नई दिल्ली। संसद में मानसून सत्र के बीच केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर गुरुवार को किसान संसद लगाई। इसमें 3 स्पीकर, 3 डिप्टी स्पीकर बनाए गए हैं। हर किसी को 90 मिनट का वक्त मिला है, एक स्पीकर के साथ एक डिप्टी मौजूद रहेगा।
 
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है। संसद भवन इससे कुछ ही मीटर की दूरी पर है।
 
दोपहर 12:25 पर जंतर मंतर पहुंचे किसान : पुलिस की सुरक्षा के साथ 200 किसानों का एक समूह बसों में सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पहुंचे। किसान यहां अपनी पहचान उगागर करने वाले बैज पहने और हाथ में अपनी यूनियनों के झंडे लिए हुए नजर आए। प्रदर्शन पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होना था, लेकिन किसान यहां 12 बजकर 25 मिनट पर पहुंचे।
 
क्या बोले किसान नेता : जंतर-मंतर पहुंचने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम यहां पर अपनी आवाज़ उठाएंगे, विपक्ष को सदन के अंदर हमारी आवाज बनना चाहिए। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बताया कि रास्ते में पुलिस ने उन्हें तीन जगह रोका और उनके आधार कार्ड देखे। 
 
किसानों ने की नारेबाजी : जंतर-मंतर पर किसानों ने नारेबाजी की और सरकार से तीनों कानून रद्द करने की मांग की। प्रदर्शन कर रहे किसान जंतर-मंतर के एक छोटे से हिस्से में मौजूद हैं और पुलिस ने दोनों ओर अवरोधक लगा रखे हैं।
 
सुरक्षा के कड़े इंतजाम : दिल्ली पुलिस के कई दल धरना स्थल की ओर जाने वाली सड़कों पर तैनात है, जबकि त्वरित कार्य बल, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक विशेष इकाई, ढाल और डंडों के साथ घटनास्थल पर मौजूद है। पानी की बौछारें करने के वाले टैंक वहां मौजूद हैं और ‘मेटल डिटेक्टर गेट’ की व्यवस्था भी की गई है। पेयजल के दो टैंकर भी मौके पर मौजूद हैं।
 
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को इस बारे में एक शपथपत्र देने के लिए कहा गया है, जिसमें कहा जाए कि कोविड-19 के सभी नियमों का पालन किया जाएगा और आंदोलन शांतिपूर्ण होगा। इस साल 26 जनवरी को एक ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के बाद यह पहली बार है, जब अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों को शहर में प्रवेश की अनुमति दी है।
 
गौरतलब है कि दिल्ली से लगे टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर तथा गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवम्बर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए। हालांकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसान हितैषी हैं। सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है।