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Last Updated : शनिवार, 5 दिसंबर 2020 (19:12 IST)

Farmers Protest : किसानों ने शुरू किया दिल्ली का घेराव, मोदी सरकार ने फिर दिया बातचीत का प्रस्ताव

Farmers Protest : किसानों ने शुरू किया दिल्ली का घेराव, मोदी सरकार ने फिर दिया बातचीत का प्रस्ताव - demonstration of farmers on singhu border continues road to delhi also started obstructing
सोनीपत। नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का रविवार को भी सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन रहा। रविवार को हुई बैठक के बाद किसान संगठनों ने कहा कि किसान बुराड़ी नहीं जाएंगे और वहां मौजूद अपने साथियों को भी वापस बुलाएंगे। साथ ही दिल्ली जाने वाले सभी रास्तों को बाधित करने की बात भी कही गई। केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को एक बार फिर दिल्ली के बुराड़ी मैदान में जाने की अपील की और कहा कि एक बार तय किए गए स्थान पर पहुंचने के बाद केंद्रीय मंत्रियों का एक उच्च-स्तरीय दल राजधानी के विज्ञान भवन में उनसे बातचीत के लिए तैयार है।
 
किसानों ने रविवार को सिंघु व कुंडली बॉर्डर के दिल्ली जाने के वैकल्पिक मार्गों को भी बाधित करना शुरू कर दिया है।
 
किसान जत्थेबंदियों की बैठक में आज कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें दिल्ली की सीमा पर ही बैठे रहने और बुराड़ी के मैदान में जाने से साफ इंकार किया गया।
 
उन्होंने कहा कि अब फौरी तौर पर आंदोलनकारी दिल्ली की सीमाओं को पांच तरफ से बंद करेंगे। साथ ही किसान जत्थेबंदियों की एक साझा समिति बनाई गई है जोकि आगे से सभी रणनीतिक फैसले लेगी।
 
बैठक में यह सहमति भी जताई गई कि किसान आंदोलन के मंच पर किसी भी राजनीतिक दल के नेता को बोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके अलावा हरियाणा में किसानों पर हुए कथित अत्याचार पर भी रोष व्यक्त किया गया।
 
भाकियू के हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने एक बयान में कहा कि किसानों का अब बुराड़ी जाने का कोई इरादा नहीं है। सरकार ने पहले लाठियां मारीं, पानी की बौछारें कीं और अश्रु गैस के गोले छोड़े।
 
उन्होंने कहा कि अंबाला से लेकर यहां तक हम पर 30-32 केस दर्ज किए जा चुके हैं। हत्या का केस तक हम पर दर्ज किया गया है। हमें डर है कि जाट आरक्षण की तरह अब कुछ असामाजिक तत्व हमारे बीच न घुस जाएं और कोई अनहोनी न कर दें। इसलिए हम सतर्क हैं।
 
गुरनाम सिंह ने कहा कि अब हरियाणा का किसान भी हमारा साथ देने के लिए चल पड़ा है। किसान संगठन पहले ही कह चुके हैं कि वे दिल्ली घेरने आए हैं, न की दिल्ली में घिर जाने के लिए। गृह मंत्री अमित शाह अगर बुराड़ी आकर बात करना चाहते हैं तो हम नहीं मानेंगे।
 
किसान जत्थेबंदियों का कहना है कि अगर सरकार किसानों की मांग को लेकर गंभीर है, तो उन्हें शर्तें रखना बंद करना चाहिए। सरकार को ऐसा सोचना बंद करना चाहिए कि उनके बयान किसानों को कानून के फायदों के बारे में स्पष्टीकरण दे सकते हैं। साथ ही कहा कि हमारी मांगें स्पष्ट हैं और सरकार समाधान के साथ सामने आए।
केंद्रीय मंत्रियों का उच्च स्तरीय दल बातचीत के लिए तैयार : केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को एक बार फिर दिल्ली के बुराड़ी मैदान में जाने की अपील की और कहा कि एक बार तय किए गए स्थान पर पहुंचने के बाद केंद्रीय मंत्रियों का एक उच्च-स्तरीय दल राजधानी के विज्ञान भवन में उनसे बातचीत के लिए तैयार है।
 
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा शनिवार को 32 किसान संगठनों को भेजे गए पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है। शनिवार को ही गृहमंत्री अमित शाह ने भी आंदोलनरत किसानों से वादा किया था कि बुराड़ी मैदान पहुंचने के बाद उनसे बातचीत की जाएगी।
 
अपने पत्र में भल्ला ने ठंड के मौसम और कोविड-19 की परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा कि किसानों को बुराड़ी मैदान की तरफ जाना चाहिए, जहां उनके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
 
उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने 26 एवं 27 नवंबर को 'दिल्ली चलो' का आह्वान किया था, जिसके बाद पंजाब के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान दिल्ली की सीमा पर पहुंच गए।
 
भल्ला ने कहा कि पंजाब से जुड़ने वाले दो प्रमुख राजमार्गों पर भारी भीड़ एकत्र होने के चलते आम जनजीवन के साथ ही आम लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है।
 
उन्होंने कहा कि ठंड और कोविड-19 महामारी के चलते भारी संख्या में भीड़ एकत्र होने से वायरस के प्रसार की आशंका है।
 
भल्ला ने कहा कि मैं आपसे निवेदन करता हूं कि सभी किसानों को लेकर आप दिल्ली की सीमा से बुराड़ी मैदान पहुंचें, जहां उनके लिए सभी सुविधाओं का प्रबंध किया गया है और वे शांतिपूर्वक अपना विरोध-प्रदर्शन करें तथा पुलिस इसकी अनुमति देगी।'
 
उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं पर विस्तृत चर्चा के लिए केंद्र सरकार ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को 3  दिसंबर को आमंत्रित किया है।