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Last Updated : बुधवार, 8 नवंबर 2017 (21:20 IST)

नोटबंदी की सालगिरह : कहीं 'बरसी' मनी तो कहीं मना 'श्राद्ध'

नोटबंदी की सालगिरह : कहीं 'बरसी' मनी तो कहीं मना 'श्राद्ध' - #Demonetization, notebook
मुंबई। देशभर में नोटबंदी को लागू हुए आज पूरा एक साल हो गया और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने देशभर में जहां एक ओर 'काला दिवस' मनाया तो कई जगह नोटबंदी की 'बरसी' पर मुंडन तक हुए। कांग्रेस ही नहीं, महाराष्ट्र में शिवसेना ने तो नासिक में नोटबंदी का एक वर्ष पूरा होने पर 'श्राद्ध' तक कर डाला।


 
मुंबई में कांग्रेस की ओर से आजाद मैदान पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी का श्राद्ध मनाते हुए अपने सिर भी मुंडवा डाले। इस मौके पर मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा कि हमने नोटबंदी का श्राद्ध इसलिए मनाया क्योंकि इस कारण 150 बेकसूर लोगों की जान तक चली गई और सरकार मुंह पर ताला जड़े हुए हैं।
निरुपम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह पर लगे आरोपों की जांच क्यों नहीं करवाई। उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री का भ्रष्टाचार विरोधी कानून सिर्फ विपक्षी पार्टियों के लिए ही है?
 
 
शिवसेना ने किया नासिक में 'श्राद्ध' : केन्द्र की मोदी सरकार के विमुद्रीकरण कदम का उपहास उड़ाते हुए शिवसेना ने नोटबंदी का एक वर्ष पूरा होने पर बुधवार को 'श्राद्ध' (मृत्यु के बाद किए जाने वाला अनुष्ठान) किया। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेला के मुख्य तीर्थयात्रा केन्द्र और गोदावरी पर पवित्र स्नान घाट रामकुंड पर नोटबंदी का 'श्राद्ध' किया।
सेना के कार्यकर्ताओं में से कुछ ने अपने सिरों को मुंडवा रखा था। कार्यकर्ताओं ने बंद कर दिए गए एक हजार और पांच सौ रुपए के नोटों की बड़ी फोटों के सामने अनुष्ठान किया। कांग्रेस ने भी शहर के विभिन्न हिस्सों में काले झंड़े लगाकर विमुद्रीकरण के खिलाफ विरोध जताया।
 
 
पुणे में एनसीपी नेताओं अजीत पवार और सुप्रिया सुले ने नोटबंदी के खिलाफ मोर्चा में भाग लिया। सुले एक बैनर लिए हुए थीं, जिस पर इस कदम के लिए मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की गई थी। मुंबई में केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने नोटबंदी के समर्थन में दादर में आयोजित 'सफेद धन दिवस' में हिस्सा लिया।
 
कश्मीर में कांग्रेस ने मनाया ‘काला दिवस’ : जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नोटबंदी के फैसले को एक साल पूरा होने के मौके पर जम्मू और श्रीनगर में विरोध स्वरूप मार्च निकाले। पार्टी ने देशभर में ‘काला दिवस’ मनाया। श्रीनगर में एम ए रोड और जम्मू में महाराजा हरि सिंह पार्क में बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता जमा हुए।

 
वरिष्ठ नेताओं की अगुवाई में कांग्रेस के लोगों ने काले झंडे लहराए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए। मीर ने नोटबंदी के दौरान लाइनों में लगे होने के दौरान मारे गए लोगों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग की।
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने मनाया ‘काला-दिवस’ : मध्यप्रदेश कांग्रेस ने भी आज समूचे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करते हुए इसे ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भाजपानीत केन्द्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी पूरी तरह से असफल रही है।
 
भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा, ‘नोटबंदी पूरी तरह से असफल रही।’ पचौरी ने कहा, ‘मोदीजी के इस जिद्दी फैसले से न तो भ्रष्टाचार कम हुआ, न आतंकवाद-नक्सलवाद पर लगाम लगी, न ही जाली करेंसी पकड़ी गई और न ही डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा मिला।’’ उन्होंने कहा कि देश का एक भी अर्थशास्त्री मोदी के इस फैसले को सही नहीं बता रहा है।
 
 
पचौरी ने बताया कि भाजपा के लोग जब आपस में चर्चा करते हैं तो वे भी इस फैसले के विपरीत हैं। मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘महंगाई से आम आदमी की कमर टूट रही है, किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है।’
 
इस अवसर पर मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा, ‘नोटबंदी सदी का सबसे बड़ा घोटाला है। इससे भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रहार हुआ है। देश का हर वर्ग आज भी इसके दुष्परिणामों से उभर नहीं पा रहा है।’’ यादव ने कहा, ‘‘इस तुगलकी फरमान ने किसान, व्यापारी और आम नागरिकों के साथ सुनियोजित लूट कर लोगों की जेब पर डाका डाला है।’
 
 
वहीं, भाजपा नेता एवं भोपाल के सांसद आलोक संजर ने कहा, ‘भाजपा ने आज समूचे प्रदेश में ‘कालाधन विरोधी दिवस’ मनाया और रैलियां निकाली।’ संजर ने कहा, ‘नोटबंदी से कालाधन पर लगाम लगाने में मदद मिली है। इससे पारदर्शी आई है एवं आतंकवाद एवं नक्सलवाद को रोकने में मदद मिली है।’
 
नारायणसामी बोले, नोटबंदी सिर्फ ‘तमाशा’ था : मोदी सरकार द्वारा की गई नोटबंदी एक ‘तमाशा था’ जिससे देश बंधक बन गया और इसका उद्देश्य भी पूरा नहीं हुआ। यह बात आज यहां पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कही।
 
 
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इसके विपरीत देश को अर्थव्यवस्था में गंभीर नतीजे भुगतने पड़े। नौकरी की मांग करने वाले युवाओं को मंझधार में छोड़ दिया गया।’ उन्होंने कहा कि इसी तरह जीएसटी ‘दुर्भाग्यपूर्ण कदम’ था जिससे तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की अर्थव्यवस्था नीचे आई।