मंगलवार, 16 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Contradiction in BJP on fighting the 2022 assembly elections in UP under the leadership of Yogi
Written By
Last Modified: सोमवार, 21 जून 2021 (16:28 IST)

UP में 2022 का विधानसभा चुनाव योगी के नेतृत्व में लड़ने पर BJP में विरोधाभास

UP में 2022 का विधानसभा चुनाव योगी के नेतृत्व में लड़ने पर BJP में विरोधाभास - Contradiction in BJP on fighting the 2022 assembly elections in UP under the leadership of Yogi
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा 2017 के चुनाव परिणाम दोहराने का दावा कर रही है, लेकिन मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व में आगामी चुनाव लड़ने के विषय पर पार्टी नेताओं के लगातार विरोधाभासी बयान सामने आ रहे हैं।

रविवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचे राज्य के श्रममंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक सवाल के जवाब में कहा, चुनाव जीतने के बाद केंद्रीय नेतृत्व ही मुख्यमंत्री तय करेगा। इससे पहले बीते शुक्रवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने एटा में दावा किया था कि पार्टी अगला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़ेगी।

वहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पिछले सप्ताह बरेली में कहा कि राज्य का आगामी विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, यह पार्टी का संसदीय बोर्ड तय करेगा। उप्र की 17वीं विधानसभा का गठन 17 मार्च, 2017 को हुआ था और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने 19 मार्च, 2017 को पद की शपथ ली थी। इसलिए 17 मार्च 2022 तक 18वीं विधानसभा के गठन की प्रक्रिया पूरी किए जाने की जरूरत है।

आगामी विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, इस मुद्दे पर आए विरोधाभासी बयानों को लेकर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा, स्वतंत्र देव सिंह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और उन्होंने जो बात कही है वह महत्वपूर्ण है। साथ ही केशव प्रसाद मौर्य व स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी की रीति-नीति के आधार पर यह बात कही है।

श्रीवास्तव ने कहा कि औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा पार्टी का संसदीय बोर्ड ही करता है, इस नाते केशव प्रसाद मौर्य और स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह बात कही होगी।प्रदेश प्रवक्ता ने जोर देते हुए कहा कि पार्टी में कोई अंतर्विरोध नहीं है।

उत्तर प्रदेश में भगवा पार्टी ने पिछला विधानसभा चुनाव केशव प्रसाद मौर्य के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए लड़ा था, जिसमें भाजपा ने 312 और इसके सहयोगी अपना दल (एस) ने नौ तथा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी।
श्रीवास्तव ने कहा, पिछले चुनाव में किसी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तुत नहीं किया गया था।भाजपा ने 2017 का चुनाव मुख्यमंत्री का चेहरा तय किए बिना लड़ा था और चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी ने गोरखपुर से पांच बार के सांसद और गोरक्षापीठ के महंत योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था। योगी भाजपा के हिंदुत्ववादी चेहरा हैं। इस बीच, राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में पिछड़ी जाति से आने वाले भाजपा के एक विधायक ने दावा किया कि सरकार के कामकाज को लेकर पिछड़ा समुदाय में बहुत नाराजगी है।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक माह के भीतर भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह दूसरी बार सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ आए। इससे पहले, मुख्यमंत्री और संगठन के वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बातचीत कर चुके हैं।(भाषा)
ये भी पढ़ें
कोविड टीकाकरण 'ब्रांडों की लड़ाई' में बदला, जहां उपलब्धता पर भारी है प्रभावशीलता