गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Congress leader Sajjan Kumar case
Written By
Last Modified: सोमवार, 17 दिसंबर 2018 (18:29 IST)

सज्जन की सजा पर कांग्रेस नेताओं ने कहा, राजनीतिक फायदे न सोचें, कानून को काम करने दें...

सज्जन की सजा पर कांग्रेस नेताओं ने कहा, राजनीतिक फायदे न सोचें, कानून को काम करने दें... - Congress leader Sajjan Kumar case
नई दिल्ली। कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगा मामलों में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सज्जन कुमार की सजा का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए और कानून को अपना काम करने देना चाहिए।


दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को हत्या की साजिश रचने के मामले में दोषी करार देते हुए सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति एस मुरलीधर एवं न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने कुमार को आपराधिक साजिश, शत्रुता भड़काने और सांप्रदायिक सद्भाव के खिलाफ काम करने का दोषी पाया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देश में जो राजनीतिक वातावरण है, उससे इसे नहीं जोड़ा जाना चाहिए। कानून को अपना काम करने देना चाहिए। इसमें अपील भी है।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में अतीत में भी फैसले हुए हैं और उनमें जहां लोगों को दोषी पाया गया है, वहीं अन्य को दोषमुक्त करार दिया गया है। सिंघवी ने कहा कि इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए और इससे राजनीतिक फायदे के बारे में नहीं सोचना चाहिए।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि कुमार के पास पार्टी में कोई पद नहीं था। सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामला और इसकी सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति बीएच लोया की संदिग्ध मौत का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि अदालत का जो फैसला आया है, वह कानूनी प्रक्रिया है। हमने देखा है कि सोहराबुद्दीन मामले में किस तरह परदा डाला जा रहा है और न्यायमूर्ति लोया की मौत के बारे में क्या?

उन्होंने कहा, इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि यह अदालत का फैसला है। सिब्बल ने गुजरात में 2002 में हुए दंगों का मामला उठाया और आरोप लगाया कि इसमें भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं के नाम शामिल हैं। पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील कुमार जाखड़ ने कहा कि पार्टी इस बात को लेकर स्पष्ट है कि दंगों में शामिल रहने वालों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए।

संसद के बाहर कांग्रेस सांसद ने कहा, हां न्याय मिलने में देरी हुई लेकिन अंतत: न्याय मिला। कानून से ऊपर कोई नहीं है। इस तरह के जघन्य अपराध में जो भी शामिल हों, उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए। हालांकि, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को उनके सिख अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद सिख विरोधी दंगे शुरू हो गए थे।
ये भी पढ़ें
राफेल मामले पर प्रकाश जावड़ेकर बोले, झूठ का हुआ राजफाश, कांग्रेस चाहती है सौदा हो रद्द...