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Last Modified: शनिवार, 27 दिसंबर 2014 (10:12 IST)

असम में 'ऑपरेशन ऑलआउट', सौंगबीजीत पर इनाम

असम में 'ऑपरेशन ऑलआउट',  सौंगबीजीत पर इनाम - Bodo militants in Assam
नई दिल्ली। सरकार ने असम के बोडो उग्रवादियों पर पूरी तरह शिकंजा कसने की मुहिम शुरू कर दी है। इसके लिए उसने एक ओर जहां 'ऑपरेशन ऑलआउट' शुरू किया है तो दूसरी ओर बोडो नेता सौंगबीजीत ब्रह्मा के सिर पर 24 लाख का इनाम रख दिया है। इस बीच सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग शनिवार को असम जा रहे हैं।
सौंगबीजीत ब्रह्मा की धर-पकड़ और उग्रवादियों के खात्मे के लिए सरकार ने पड़ोसी मुल्क भूटान और म्यांमार से भी मदद मांगी है।
 
इधर, सेना प्रमुख के साथ इंटेलिजेंस के डीजी भी असम जा रहे हैं। दलबीर सिंह सुहाग वहां बोडो उग्रवादियों के सफाए के लिए चलाए जा रहे 'ऑपरेशन ऑलआउट' की समीक्षा करेंगे। इस ऑपरेशन में सेना के साथ 50 हजार अद्धसैनिक बल और असम पुलिस के जवान भी शामिल हैं।
 
सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस हफ्ते असम में 70 से ज्यादा लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार बोडो उग्रवादी संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के सोंगबीजीत धड़े (NDFB-S) पर प्रतिबंध की अवधि पांच साल बढ़ा दी है। यह प्रतिबंध एनडीएफबी के सभी धड़ों पर प्रभावी होगा।
 
गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत प्रतिबंधित एनडीएफबी पर प्रतिबंध की अवधि पांच साल के लिए बढ़ाई जाती है। गृह मंत्रालय ने अपने आदेश के अनुमोदन के लिए दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा गठित ट्रि‍ब्युनल का रुख किया है।
 
इस बीच, केंद्र सरकार ने एनडीएफबी (प्रोग्रेसिव) के साथ ‘सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस’ समझौते की अवधि 30 जून, 2015 तक के लिए बढ़ा दी। एनडीएफबी (पी) के प्रतिनिधियों के साथ 22 दिसंबर, 2014 को हुई बातचीत के बाद इस समझौते की अवधि बढ़ाई गई है। इस बैठक में असम सरकार और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया था।
 
गौरतलब है कि सोंगबीजीत इंगति काथर की अगुवाई वाले एनडीएफबी के वार्ता-विरोधी धड़े ने पिछले चार दिनों में असम के तीन जिलों में करीब 75 आदिवासियों की हत्या कर दी।
 
कौन है यह एनडीएफबी? : एनडीएफबी का उदय 1986 में गठित उग्रवादी संगठन बोडो सिक्यूरिटी फोर्स से हुआ। संगठन ने 1994 में अपना नाम बदलकर एनडीएफबी कर लिया। एनडीएफबी पर पहली बार 23 नवंबर 2002 को प्रतिबंध लगा था।
 
साल 2008 में एनडीएफबी में बड़ी दरार उस वक्त पड़ी, जब संस्थापक अध्यक्ष रंजन दैमरी ने सिलसिलेवार बम धमाके कराए। इसकी वजह से संगठन के सचिव गोविंद बासुमतारी ने एनडीएफबी (प्रोग्रेसिव) नाम का धड़ा बना लिया। सोंगबीजीत ने 2009 में एनडीएफबी से अलग होकर NDFB-S नाम का संगठन बनाया। NDFB-S अब सबसे खतरनाक धड़ा बन चुका है। (एजेंसियां)