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Last Modified: सोमवार, 16 फ़रवरी 2015 (10:54 IST)

काला धन : एसआईटी ने नई एजेंसी को शामिल किया

काला धन : एसआईटी ने नई एजेंसी को शामिल किया - Black money
नई दिल्ली। विदेशों में जमा अवैध धन के मामलों में जांच को तेज करने के लिए काले धन पर बने विशेष जांच दल ने सभी जांच और प्रवर्तन एजेंसियों के बीच मुख्य समन्वयक इकाई के तौर पर एक और आर्थिक खुफिया एजेंसी ‘सीईआईबी’ को शामिल किया है।
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मुख्य समन्वयक एजेंसी के तौर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का नाम लिया था लेकिन इस महत्वपूर्ण मामले के लिए केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी) को चुना गया।
 
जब इस बात का पता चला कि सीईआईबी के पास यह भूमिका निभाने के लिए सारे संसाधन हैं, वहीं ईडी पहले ही धन शोधन और विदेशी मुद्रा विनिमय के उल्लंघन के मामलों से लदा हुआ है और मानवशक्ति की कमी का भी सामना कर रहा है तो एसआईटी ने सीईआईबी पर ध्यान केंद्रित कर दिया।
 
इस मामले से जुड़े सूत्रों ने कहा, ‘सीईआईबी को हाल ही में एसआईटी के लिए मुख्य समन्वयक इकाई के तौर पर नियुक्त किया गया है। यह काले धन पर एसआईटी के साथ काम करने वाली 12वीं एजेंसी होगी। हालांकि यह अलग से काम करेगी और मुख्य समिति में शामिल नहीं होगी।’ सीईआईबी का गठन 1985 में किया गया थ।
 
सूत्रों ने कहा, ‘सीईआईबी को एसआईटी की जांच के दायरे में आने वाले काले धन के सभी मामलों में समन्वय करने का काम सौंपा गया है और यह अनेक मामलों का संग्रह कर इन्हें एसआईटी के सामने पड़ताल के लिए लाएगी जिनकी अलग अलग जांच एजेंसियां तफ्तीश कर रही हैं।’
 
काले धन पर बनाई गई एसआईटी के प्रमुख न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एमबी शाह हैं और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरिजीत पसायत इसके उपाध्यक्ष हैं। इसके सदस्यों में कई विभागों तथा एजेंसियों के प्रमुख या शीर्ष अधिकारी शामिल है।
 
सूत्रों ने कहा, ‘सीईआईबी ने पिछले साल 600 भारतीयों की सूची दी थी, जिन्हें माना जाता है कि उनके विदेशों में अवैध बैंक खाते हैं। सीईआईबी ने गोपनीय चैनलों से इन्हें प्राप्त किया था।’ 
 
उच्चाधिकार प्राप्त एसआईटी ने हाल ही में कहा कि उसने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। इसमें एचएसबीसी की स्विस शाखा के खाताधारकों की सूची में आए कुछ नए नाम शामिल किए गए हैं। पत्रकारों की एक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने हाल ही में इस बाबत सूचना दी थी।
 
उच्चतम न्यायालय ने एसआईटी का गठन किया था और पिछले साल सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी की थी। (भाषा)