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Last Modified: शनिवार, 3 जनवरी 2015 (07:57 IST)

कालेधन पर क्या है 'मोदी फार्मूला'?

कालेधन पर क्या है 'मोदी फार्मूला'? - Black money
मुंबई। नकदी रहित बैंकिंग लेन-देन पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस तरह का लेन-देन कालेधन की समस्या का सबसे बेहतर समाधान हो सकता है। उन्होंने बैंकों से लोगों को सोने में भारी निवेश से हतोत्साहित करने के तरीके निकालने को कहा।
मोदी ने बैंकों से सामाजिक लिहाज से भी अधिक जिम्मेदार बनने को कहा। उन्होंने बैंकों से कहा कि वह स्वच्छता के क्षेत्र में काम करने वाले उद्यमियों को समर्थन दें। साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन के उद्यम लगाने वालों को बैंकों को समर्थन देना चाहिए।
 
प्रधानमंत्री यहां निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक आईसीआईसीआई के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत को ज्यादा से ज्यादा नकदी रहित लेनदेन के लिए प्रतिस्पर्धा में आगे निकलना चाहिए, क्योंकि यह कालेधन की समस्या से निपटने के लिये बेहतर समाधान हो सकता है।
 
उन्होंने कहा, ‘कालेधन पर अंकुश लगाने के कई समाधानों में से नकदी रहित लेन-देन एक सबसे महत्वपूर्ण समाधान है। यह एक बड़ा अवसर है और हमें इसे बढ़ावा देना चाहिए। लोगों को नकदी रहित लेन-देन की अदात डालनी चाहिए।’
 
पिछले साल हुए आम चुनाव के दौरान कालाधन प्रमुख राजनीतिक मुद्दा रहा है। इन चुनावों में मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों को बड़ी जीत हासिल हुई।
 
मोदी ने यह भी कहा कि भारतीयों को बचत की अच्छी आदत है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से बेहतर निवेश से उनकी यह बचत सोने में लग जाती है। बैंकों के समक्ष अब यह चुनौती है कि वह सोने में होने वाले भारी निवेश को हतोत्साहित करने के तौर तरीकें निकालें।
 
उन्होंने कहा, ‘वह (व्यक्ति) सोचता है कि उसे सोना खरीदना चाहिए जो कि संकट के समय उसके काम आएगा। मुझे नहीं लगता कि 100 लोगों में से एक भी व्यक्ति संकट के समय सोना बेचने की जरूरत समझता है...लेकिन यह एक मनोवृत्ति है।’
 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बैंकों के समक्ष यह चुनौती है कि वह लोगों को आश्वस्त करें कि बैंक खाता होने पर वह अपनी बचत जरूरत पड़ने पर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि बैंक यदि ऐसा करने में सफल होते हैं तो वह सामाजिक बदलाव लाने में एक बेहतर एजेंट की भूमिका निभाएंगे।
 
प्रधानमंत्री ने आईसीआईसीआई बैंक के आज शाम यहां आयोजित कार्यक्रम में ‘आईसीआईसीआई डिजिटल ग्राम’ राष्ट्र को समर्पित किया। आईसीआईसीआई बैंक ने गुजरात के अकोदरा गांव को ‘डिजिटल ग्राम’ के तौर पर विकसित करने के लिए गोद लिया है। इस गांव में बैंक नकदी रहित बैंकिंग सेवायें, ई-स्वास्थ्य, डिजिटल सुविधाओं से युक्त स्कूल और मंडियों की सुविधा उपलब्ध कराएगा।
 
मोदी ने कहा, ‘भारतीय उपमहाद्वीप और चीन सहित यह क्षेत्र, दुनिया का एक ऐसा क्षेत्र हैं जहां लोगों को बचत की आदत है। हमारी यह परंपरा रही है जिसमें लोग अपनी आगामी पीढ़ी के लिए बचत करते हैं।’
 
नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘दुनिया में ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां क्रेडिट कार्ड की संस्कृति है, वहां लोगों के हाथ में और कुछ नहीं बल्कि क्रेडिट कार्ड होता है। लेकिन हमारी अलग तरह की सोच है। हमारी बचत करने की परंपरा रही है।’ उन्होंने कहा, ‘समय के साथ हालांकि बचत की आदत बनी रही लेकिन यह सुरक्षित निवेश के कारण सोने में जाने लगी। वह मानते हैं कि संकट की घड़ी में सोना काम आएगा। हमारी यह सोच रही है कि जरूरत के समय सोना मददगार होगा।’ सरकार लोगों को सोने में भारी निवेश करने से दूर रखने का प्रयास करती रही है। सरकार चाहती है कि लोग अपना धन अधिक उत्पादक वित्तीय बाजार की परसिंपत्तियों में निवेश करें।
 
मोदी ने कहा, ‘बैंकिग क्षेत्र के समक्ष सोना खरीदने के बजाय आम आदमी के बीच बैंक खाता रखने की आदत विकसित करने की महत्वपूर्ण चुनौती है...यही एक तरीका है जिससे लोगों को सोना खरीदने से रोका जा सकता है।’
 
उन्होंने कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। समाज का एक बड़ा वर्ग भविष्य की सुरक्षा के लिहाज से जरूरत से ज्यादा सोना रखता है। बैंकों के सामने इसका विकल्प बनने का स्वर्णिम अवसर है।’ प्रधानमंत्री ने पिछले साल ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि बैंकों को सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ना चाहिए और स्वच्छता यानी साफ सफाई से जुड़े उद्यमियों को भी वित्तीय सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए।
 
उन्होंने सवाल किया, ‘क्या हम स्वच्छता उद्यमी तैयार कर सकते हैं। जलशोधन एवं ठोस कूड़ा करकट प्रबंधन क्षेत्र में अपार संभावनायें हैं।’ प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आईसीआईसीआई समूह को उसके 60 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी और कहा कि बैंक के वरिष्ठ टीम को यह सोचना चाहिए कि 75 वर्ष में उनहें क्या हासिल करना है और उनका सामाजिक एजेंडा क्या होगा। (भाषा