शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Bakrid will be celebrated across the country on July 10
Written By
Last Modified: गुरुवार, 30 जून 2022 (22:17 IST)

चांद के हुए दीदार, देशभर में 10 जुलाई को मनाई जाएगी बकरीद

चांद के हुए दीदार, देशभर में 10 जुलाई को मनाई जाएगी बकरीद - Bakrid will be celebrated across the country on July 10
नई दिल्ली। दिल्ली समेत देशभर में ईद उल अज़हा का त्योहार 10 जुलाई को मनाया जाएगा। दिल्ली के आसमान में गुरुवार को बादलों के छाए रहने की वजह से चांद के दीदार नहीं हो सके, लेकिन तमिलनाडु, बिहार, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में आमतौर पर बकरीद का चांद नजर आया है। यह इक्तेफाक ही है कि इस बार आम केलेंडर और इस्लामी केलेंडर का नया महीना एकसाथ शुरू हो रहा है।

चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बताया, दिल्ली और आसपास के इलाकों में बारिश होने और आसमान में बादल छाए रहने की वजह से चांद नहीं दिख पाया है, लेकिन बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु समेत कई राज्यों के कई हिस्सों में गुरुवार को इस्लामी केलेंडर के आखिरी महीने ज़ुल हिज्जा का चांद आमतौर पर नज़र आया है और इसकी तस्‍दीक (पुष्टि) हुई है।

उन्होंने कहा, लिहाज़ा ईद-उल-अज़हा का त्योहार 10 ज़ल हिज्जा यानी 10 जुलाई, रविवार को मनाया जाएगा। यह इक्तेफाक ही है कि इस बार आम केलेंडर और इस्लामी केलेंडर का नया महीना एकसाथ शुरू हो रहा है। इस्लामी केलेंडर में 29 या 30 दिन होते हैं, जो चांद दिखने पर निर्भर करते हैं।

बता दें कि बकरीद का त्योहार चांद दिखने के 10वें दिन मनाया जाता है और ईद उल ज़ुहा या अज़हा या बकरीद, ईद उल फित्र के दो महीने नौ दिन बाद मनाई जाती है। वहीं मुस्लिम संगठन इमारत ए शरिया हिंद ने भी 10 जुलाई को बकरीद का त्योहार मनाने का ऐलान किया है।

संगठन ने एक बयान में बताया कि इमारत ए शरिया हिंद की रुअत ए हिलाल (चांद समिति) के संयोजक असदुद्दीन कासमी की अध्यक्षता में हुई बैठक में तस्‍दीक की गई कि देश के अन्य हिस्सों में चांद दिखा है, लिहाजा एक ज़ुल हिज्जा शुक्रवार को होगी और ईद-उल-अज़हा 10 जुलाई को मनाई जाएगी।

जामा मस्जिद के नायब शाही इमाम सैयद शाबान बुखारी ने बयान में कहा कि मुल्क के अलग-अलग हिस्सों में ज़ुल हिज्जा का चांद आमतौर पर देखा गया है और लिहाज़ा ऐलान किया जाता है कि बकरीद का त्योहार 10 जुलाई को मनाया जाएगा।

इस्लामी मान्यता के अनुसार, पैगंबर इब्राहिम अपने पुत्र इस्माइल (वह भी पैगंबर थे) को इसी दिन अल्लाह के हुक्म पर अल्लाह की राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उनके बेटे को जीवनदान दे दिया और वहां एक पशु की कुर्बानी दी गई थी जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है।

तीन दिन चलने वाले त्यौहार में मुस्लिम समुदाय के संपन्न लोग अपनी हैसियत के हिसाब से उन पशुओं की कुर्बानी देते हैं जिन्हें भारतीय कानूनों के तहत प्रतिबंधित नहीं किया गया है।

मुफ्ती मुकर्रम ने कहा, मुस्लिम समुदाय के जिन लोगों के पास करीब 613 ग्राम चांदी है या इसके बराबर के पैसे हैं या कोई और सामान है, उन पर कुर्बानी वाजिब है। उन्होंने कहा, यह जरूरी नहीं है कि कुर्बानी अपने घर या शहर में ही की जाए। कहीं दूर भी की जा सकती है।

बता दें कि पशु के मांस को तीन बराबर हिस्सों में बांटा जाता है, जिसमें एक हिस्सा उस शख्स का होता है जिसने कुर्बानी कराई होती है जबकि एक हिस्सा रिश्तेदारों और दोस्तों का और एक हिस्सा गरीबों को वितरित करने के लिए होता है।(भाषा)
ये भी पढ़ें
BJP के 2 चौंकाने वाले फैसलों से बदल गई महाराष्ट्र की सियासत