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Last Updated : सोमवार, 23 मार्च 2015 (08:46 IST)

मोदी राज में असहज हैं मुसलमान: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

मोदी राज में असहज हैं मुसलमान: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड - All India Muslim Personal Law Board
जयपुर। देश के मुसलमानों की सर्वोच्च संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रस्ताव पारित किया है कि देश में हिन्दूवादी ताकतों के ‘जहर उगलने’ की वजह से देश का सौहार्दपूर्ण माहौल खराब हो रहा है और बोर्ड इसके खिलाफ जनजागरण अभियान चलाएगा।
बोर्ड ने दावा किया कि जब से देश में नई हुकूमत आई है हिन्दूवादी ताकतों के कारण साम्प्रदायिक सदभाव बिगड़ा है और गैर इंसानीयत के हालात पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इससे मुसलमानों के साथ ही ईसाई भी असहज है। बोर्ड के सह महासचिव मोहम्मद अब्दुल रहीम कुरैशी ने बोर्ड के एक सौ चौबीसवें अधिवेशन में पारित किए गए प्रस्ताव एवं निर्णय की जानकारी रविवार को यहां संवाददाताओं को दी। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने इस बात पर सहमति दी है कि बोर्ड के पदाधिकारी अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नहीं मिलेंगे। हालांकि, बोर्ड ने कभी भी नहीं मिलने का तय नहीं किया है, लेकिन जब भी जरूरत होगी प्रधानमंत्री से मिलेंगे।
 
उन्होंने कहा कि बोर्ड ने एक प्रस्ताव पारित कर मुसलमानों से उनके खिलाफ रची जा रहीं साजिश से रूबरू करवाने एवं इसके खिलाफ एकजुटता से मुकाबला करने के लिए मुसलमानों से ही नहीं देशवासियों को जागृत करने के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाया जाएगा, जिसमें हिन्दू भी शामिल है। कुरैशी ने कहा, ‘इस देश में हमारा (मुसलमानों) भी योगदान है। अंग्रेजों का तो डेढ़ सौ साल का इतिहास है लेकिन हमारा तो तीन सौ साल पुराना इतिहास है।’
 
कुरैशी ने कहा कि देश में सौहार्दपूर्ण माहौल रहे, सभी धर्मों के लोग स्वयं को सुरक्षित समझे, लेकिन मौजूदा हालात बदले हुए है। साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए सभी धर्मों विशेष तौर से मुसलमान, ईसाई धर्मावलंबियों में विश्वास पैदा किया जाए जिसका मौजूदा समय में अभाव है। उन्होंने कहा, ‘विहिप, बजरंग दल के नेता समेत साध्वी प्राची जहर उगल रही है जिससे लगता है देश में भारतीय दंड संहिता है ही नहीं। जहर उगल रहे नेताओं पर सरकार जानबूझकर कार्रवाई नहीं की जा रही है, जो देश के लिए बहुत खतरनाक है।’
 
कुरैशी ने बोर्ड की ओर से पारित प्रस्ताव की जानकारी देते हुए कहा, ‘बोर्ड ने देश के मुसलमानों से मुल्क का माहौल खराब कर रहीं हिन्दूवादी ताकतों के खिलाफ एकजुटता से खड़े होकर मुकाबला करने और इन ताकतों के खिलाफ लोगों को आगाह करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जनजागरण अभियान चलाने का निर्णय किया है।’
 
उन्होंने बताया कि अभियान में लोगों को यह बताया जाएगा कि संविधान के तहत मिले लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। अगर इसका विरोध नहीं किया गया तो देश का संविधान खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान कब से शुरू होगा बोर्ड की कमेटी तय करेगी।
 
उन्होंने कहा, ‘बैठक में तत्कालीन अटलबिहारी वाजपेयी के शासनकाल में गठित पीसी जैन कमेटी की सिफारिशों पर नाराजगी व्यक्त की गई। इन सिफारिशों को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके तहत मुसलमानों के कुछ कानून और वक्फ कानून को समाप्त करने की अनुशंसा की गई है।’
 
कुरैशी ने एक प्रश्न के जवाब में कहा, ‘मुसलमानों की समस्याओं के समाधान के लिए हम सरकार के अन्य नुमाइंदो (प्रतिनिधियों) से मिलकर अपनी बात रखेंगे। बोर्ड के प्रतिनिधि प्रधानमंत्री से नहीं मिलेंगे यह अभी तय नहीं किया जब हम जरूरत महसूस करेंगे तो हम जरूर मिलेंगे।’
 
इधर, जयपुर में रामगढ़ मोड पर जामिया हिदाया में चल रहे बार्ड की बैठक में आज मुस्लिम नेता जफर सलेशवाला के पहुंच जाने पर कुछ देर हंगामे की स्थिति पैदा हो गई।
 
बैठक में हिस्सा ले रहे एक प्रतिनिधि द्वारा बोर्ड के पदाधिकारियों को जफर सलेशवाला के मौजूद रहने की जानकारी दी गई। मंच से घोषणा की गई बैठक में जो बोर्ड के सदस्य और आमंत्रित सदस्य नहीं है वह बैठक से बाहर चले जाए। इसके बाद जफर सलेशवाला बैठक से उठकर चले गए। बोर्ड के एक पदाधिकारी के अनुसार जफर सलेशवाला, बोर्ड पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलाने के लिए लगातार दवाब बनाए हुए है। (भाषा)