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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 27 फ़रवरी 2020 (15:10 IST)

चौंकाने वाला खुलासा : देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर और भोपाल की हवा जहरीली, रैंडम एयर क्वालिटी जांच में सभी नमूने फेल

जनता की लैब के प्रभारी और पर्यावरणविद् सुभाषचंद पांडे का दावा

चौंकाने वाला खुलासा : देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर और भोपाल की हवा जहरीली, रैंडम एयर क्वालिटी जांच में सभी नमूने फेल - Alarm Report : A Shocking Report of Polluted Air of top cleanest city Indore and Bhopal
देश में स्वच्छता रैंकिग में टॉप पर रहने वाले इंदौर शहर की हवा बेहद खराब हो चुकी है। यह चौंकाने वाला खुलासा पर्यावरणविद् डॉक्टर सुभाष चंद्र पांडे की हाल में की गई जांच में हुआ है। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था जनता के लैब ने इंदौर शहर के विभिन्न इलाकों में वायु प्रदूषण को लेकर रैंडम जांच की। 
 
टीम ने रैंडम एयर क्वालिटी एनालिसिस के तहत इंदौर शहर के 22 विभिन्न इलाकों में वायु की गुणवता की जांच की जिसमें ऐतिहासिक राजवाड़ा क्षेत्र की हवा बेहद खराब पाई गई। राजवाड़ा इलाके में पीएम (2.5) का मान 120 और पीएम (10) का मान 168 पाया गया है, इसके साथ राजवाड़ा इलाके में नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOX) 109  पाया गया जोकि तय मानक से डेढ़ से दो गुना तक खराब है। वेबदुनिया से बातचीत में सुभाषचंद्र पांडे कहते हैं कि देश का सबसे स्वच्छ इंदौर पर्यावरणीय और वायु प्रदूषण की दृष्टि से बहुत ही चिंताजनक स्थिति में है और इस पर तुंरत ध्यान देने की जरूरत नहीं तो स्थिति काबू से बाहर हो जाएगी।
वह कहते हैं कि इंदौर में वायु की गुणवत्ता की जांच में पाया गया कि पीएम के खतरनाक स्तर पर पहुंचने से कैंसर और श्वास संबंधी बीमारियां होती है। वह कहते हैं कि जांच में पाया गया है कि इंदौर शहर में लिए गए 22 सैंपल में कोई भी एक स्थान ऐसा नहीं मिला जहां कि हवा स्वास्थ्यवर्धक हो या कहें जहां सांस लेना खतरे से खाली हो।    
इंदौर से खराब भोपाल के हालात  - देश के दूसरे सबसे स्वच्छ शहर भोपाल की हवा भी खराब हो चली है। राजधानी भोपाल के दो प्रमुख इलाके लालघाटी और कोलार क्षेत्र में हवा में धूल के कणों का स्तर 464 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर मिला है जो कि तय मापदंड से चार गुना अधिक है। 
 
पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था जनता के लैब के प्रभारी और मशूहर पर्यावरणविद् डॉक्टर सुभाष पांडेय वेबदुनिया से बातचीत में कहते हैं कि धूल के कणों का यह स्तर दिल्ली की हवा में होता है और यह धूल के कण लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। वह कहते हैं कि इसके संपर्क में रहने से हद्य संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती है। 
 
जनता की लैब ने देश के दूसरे सबसे स्वच्छ शहर भोपाल में 13 भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की रेंडम जांच की। जांच में टीम को सभी जगह धूल के कणों का स्तर तय मापदंड से दो से पांच गुना अधिक मिला है। लैब का दावा है कि राजधानी के इन 13 स्थानों पर पीएम 10 की जांच में पता चला है कि धूल के कणों का रेडम औसत 246 है जो कि अधिकतम स्तर 100 से 2.5 गुना अधिक है।
 
जांच में टीम को किसी भी जगह वायु की क्वालिटी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्धारा तय अधिकतम सीमा के अंदर नहीं मिली । पर्यावरणविद् सुभाष चंद पांडे कहते हैं कि शहर कि हवा में पीएम 2.5 जैसे घातक धूल के कणों का औसत 138 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर मिला है जोकि 60 होना चाहिए।  
 
वेबदुनिया से बातचीत में सुभाषचंद्र पांडे कहते हैं कि अब जरुरत इस बात की पर्यावरण की क्षेत्र में काम करने वाली संस्था और सरकारी एजेंसी इस दिशा में तुरंत काम करें नहीं तो हालात हद से ज्यादा बिगड़ जाएंगे।