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Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 7 मई 2016 (15:56 IST)

मोदी से मिले अखिलेश, पानी के लिए मांगे 10 हजार करोड़

मोदी से मिले अखिलेश, पानी के लिए मांगे 10 हजार करोड़ - Akhilesh met with PM Modi
नई दिल्ली। सूखे की गंभीर स्थिति का सामना कर रहे उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज केंद्र से करीब करीब 11 हजार करोड़ रुपए की मांग की। प्रधानमंत्री ने आज इस बारे में राज्यों की स्थिति की समीक्षा की और तत्काल सहायता का निर्देश दिया।
 
यादव सुबह प्रधानमंत्री आवास पहुंचे और उन्हें राज्य में सूखे से उत्पन्न स्थिति के साथ ही बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान तथा बुंदेलखंड में पेयजल की समस्या की जानकारी दी।
 
यादव के साथ राज्य के मुख्य सचिव आलोक रंजन भी मौजूद थे। दोनों नेताओं के साथ करीब दो घंटे तक बैठक चली जिसमें राज्य की स्थिति पर व्यापक रूप से विचार विमर्श किया गया।
 
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास के बाहर पत्रकारों को बताया कि उन्होंने मोदी से सूखे की स्थिति से निपटने के लिए मिलजुल कर काम करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही बुंदेलखंड में सूखे की भयावह स्थिति से निपटने के लिए तत्काल आर्थिक मदद देने की मांग की गई।
 
उन्होंने बुंदेलखंड में भूख से मौत के बारे में मीडिया में आई खबरों का खंडन किया और कहा कि राज्य में भूख से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। 
 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के पास राज्य को सूखे के लिए पिछले वर्ष आवंटित धनराशि का 1123.47 करोड़ रुपए, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के 4741.55 करोड़ रुपए की अवशेष राशि शीघ्र अवमुक्त कराने की मांग करते हुए 2015-16 में कुछ जनपदों में खरीफ की फसलों की बुवाई सामान्य से बहुत कम होने के कारण किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 1261 करोड़ शीघ्र स्वीकृत करने तथा बुन्देलखण्ड और विन्ध्याचल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 200 मानव दिवस तथा अन्य जिलों के लिए 150 मानव दिवस की सीमा निर्धारित करने का अनुरोध किया।
 
उन्होंने कहा कि बुन्देलखंड क्षेत्र में सूखे की स्थिति अत्यधिक भयावह बनी हुई है और राज्य तथा केंद्र को मिलकर वहां तत्काल मदद पहुंचाने की जरूरत है। उन्होंने इस काम के लिए सबसे पहले पेयजल के दस हजार टैंकर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र से आवश्यक निधि की मांग की और कहा कि क्षेत्र में लोगों को राहत देने के लिए मनरेगा की मजदूरी की दर 300 रुपए प्रतिदिन की जानी चाहिए।
 
यादव ने कहा कि ओलावृष्टि के लिए 7543.14 करोड़ रुपए की मांग की गई थी लेकिन मात्र 2801.59 करोड़ रुपए की धनराशि राज्य सरकार को दी गई। इसी तरह से सूखा पीड़ितों के लिए 2057.79 करोड़ रुपए की मांग की गई लेकिन 934.32 करोड़ रुपए की धनराशि ही प्राप्त हुई है। उन्होंने केंद्र से शेष धनराशि शीघ्र स्वीकृत करके राज्य को उपलब्ध कराने की मांग की है। (भाषा)