शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. 12th round of military talks between India and China
Written By
Last Modified: शनिवार, 31 जुलाई 2021 (14:36 IST)

भारत-चीन के बीच 12वें दौर की सैन्य वार्ता, गोगरा और हॉट स्प्रिंग इलाकों से सैनिक हटाने पर जोर

भारत-चीन के बीच 12वें दौर की सैन्य वार्ता, गोगरा और हॉट स्प्रिंग इलाकों से सैनिक हटाने पर जोर - 12th round of military talks between India and China
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया की दिशा में आगे बढ़ने के उद्देश्य से 12वें दौर की सैन्य वार्ता हो रही है। रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि इस बातचीत का उद्देश्य 14 महीनों से ज्यादा समय से इस क्षेत्र में जारी गतिरोध को खत्म करना है।

उन्होंने कहा कि कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की तरफ मोल्डो सीमा बिंदु पर हो रही है। एक सूत्र ने बताया की बातचीत निर्धारित समय पर सुबह साढ़े 10 बजे शुरू हुई।

सूत्रों ने बातचीत के बारे में कहा कि भारत को हॉट स्प्रिंग और गोगरा में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पर सकारात्मक नतीजे की उम्मीद है। बातचीत का यह दौर पिछली बार हुई वार्ता से साढ़े तीन महीने से भी ज्यादा समय के बाद हो रहा है। इससे पहले 11वें दौर की सैन्य वार्ता नौ अप्रैल को एलएसी पर भारत की ओर चुशुल सीमा बिंदु पर हुई थी और यह बातचीत करीब 13 घंटे तक चली थी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर के दृढ़ता के साथ अपने चीनी समकक्ष वांग यी को यह बताने के करीब दो हफ्ते बाद वार्ता का 12वां दौर हो रहा है कि पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति का लंबे समय से ऐसे बने रहने का असर नकारात्मक तरीके से द्विपक्षीय संबंधों को प्रभावित करता नजर आ रहा है।
दोनों विदेश मंत्रियों ने 14 जुलाई को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से इतर करीब एक घंटे तक द्विपक्षीय बैठक की थी। बैठक में जयशंकर ने वांग को बताया था कि एलएसी पर यथास्थिति में कोई भी एक पक्षीय बदलाव भारत को स्वीकार्य नहीं है और पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से शांति और स्थिरता बहाल होने के बाद ही संबंधों का विकास हो सकता है।
पिछले दौर की सैन्य वार्ता में दोनों पक्षों ने हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देप्सांग में सैनिकों की वापसी की दिशा में आगे बढ़ने के रास्तों पर चर्चा की थी, जिसका व्यापक उद्देश्य क्षेत्र में तनाव को कम करना था। हालांकि सैनिकों की वापसी की दिशा में कोई और प्रगति नहीं हुई।(भाषा) 
ये भी पढ़ें
शराब शाकाहारी है या मांसाहारी?