शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. 100 girls were made victims of lust in ajmer
Written By

100 लड़कियों को बनाया था हवस का शिकार, दरगाह के खादिम से लेकर नेता भी थे शामिल

ajmer kand
चंडीगढ़ के मोहाली में हुए सनसनीखेज एमएमएस कांड हुआ है। यहां विश्वविद्यालय की करीब 60 से ज्यादा छात्राओं के नहाते हुए वीडियो बनाने और उन्हें वायरल करने की घटना सामने आई है। केस की जांच चल रही है और वीडियो बनाने वाली आरोपी छात्रा समेत तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। होस्टल की दो वॉर्डन को सस्पैंड कर दिया गया है। इस सनसनीखेज केस ने एक बार फिर से अजमेर 1992 में हुए गैंगरेप और ब्लैकमेल कांड की याद ताजा कर दी है। वो साल था 1992 था जब अजमेर के सोफिया गर्ल्स स्कूल की एक के बाद एक कई सारी बच्चियों को सामूहिक दुष्कर्म का शिकार बनाया गया था। आइए जानते हैं आखिर क्या था चंडीगढ़ से पहले अजमेर में हो चुका देश का सबसे दरिंदगी वाला 100 लड़कियों के साथ किया गया गैंगरेप केस।

क्या था मामला?
चंडीगढ के मोहाली में हाल ही में हुए एमएमएस कांड से ठीक 30 साल पहले अजमेर में सबसे घृणित गैंगरेप और ब्लैकमेल करने का यह कांड हुआ था। इस घटना ने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया था। इसमें एक बहुत ही नामी गर्ल्स स्कूल की 100 से ज्यादा स्कूली लड़कियों की अश्लील तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण किया गया था। इस कांड का असली गुनाहगार कांग्रेस नेता और अजमेर शरीफ दरागाह का खादिम था। इसका मास्टरमाइंड था अजमेर शहर के यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती। 1992 का समय रील फिल्म का था। ऐसे में जहां यह तस्वीरें बनाई जाती थी उसका करीगर भी इसमें शामिल हो गया और फिर महीनों तक इन लड़कियों को शोषण होता रहा। घटना सामने आने पर कई लड़कियों ने आत्महत्या कर ली थी तो कई ने खुदखुशी के प्रयास किए थे।
ajmer kand

ऐसे दिया था दरिंदगी को अंजाम
एक पीड़िता ने कोर्ट को बताया था कि वह अपने पुरुष मित्र के साथ थी तो उससे नफीस और फारूक उनसे कई बार मिले। एक दिन जब वह बस स्टैंड जा रही थीं तो नफीस और फारूक आए और उन्हें कांग्रेस में एक बड़ा प्रॉजेक्ट दिलाने का वादा किया। इनके सहयोगी सैयद अनवर चिश्ती ने कांग्रेस का फॉर्म लाकर भी दिया। फिर एक दिन जब वह स्कूल जा रही थी तो नफीस और फारूक रास्ते में मिल गए और कहा कार से स्कूल छोड़ देंगे। जान पहचान थी तो वह बैठ गई लेकिन गाड़ी स्कूल न जाकर फार्म हाउस पहुंच गई। पहले लगा किसी नेता से वह मुलाकात कराने लाया लेकिन फिर नफीस ने उसे दबोच लिया, बलात्कार किया और कहा कि मुंह खोला तो जान से मार देंगे। फिर उसने वीडियो बनाया और अश्लील तस्वीरें उतार ली। और कहा कि अगर वह अपनी सहेलियों को लेकर नहीं आती है तो फिर यह बात फैला दी जाएगी और इसके बाद सिलसिला शुरू हो गया। हर लड़की जो फंसती वह अपने आप को बचाने के लिए अपनी सहेली ले आती और फिर यह तब तक चलता रहा जब तक तस्वीरें अखबार में नहीं छप गई।

6 आरोपियों पर चल रहा केस
इस कांड को अब तक का देश का सबसे बड़ा बलात्कार कांड कहा जाता है। जब एक ही शहर की 100 से ज्यादा लड़कियों को एक-एक कर अपने हवस का शिकार बनाया गया। इस पूरे खेल के मास्टरमाइंड का सीधा कनेक्शन अजमेर दरगाह के खादिम से था। अपने राजनीति रसूख के दम पर आरोपियों ने सैकड़ों लड़कियों के साथ घिनौने वारदात को अंजाम दिया था। राजस्थान के अजमेर में 30 साल पहले हुए इस सीरियल गैंगरेप में आज भी अजमेर पॉक्सो कोर्ट में 6 आरोपियों पर मुकदमा चल रहा है।

दरगाह के खादिम ही निकले दरिंदे
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अजमेर शहर पर दाग लगाने वाले कोई और नहीं, बल्कि अजमेर दरगाह के खादिम थे, अमीर और सफेदपोश लोग थे, ये काफी प्रभावशाली लोग थे। उन्हें देखकर कोई ऐसा नहीं कह सकता था कि वो कोई अपराधी होंगे। समाजसेवी का चोला ओढ़े ये दरिंदे थे। शुरुआती दिनों में जब केस शुरू हुआ तो सिर्फ 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। हालांकि जांच बढ़ती गई और संख्या भी बढ़ती गई, बाद की जांच में 18 आरोपियों के नाम सामने आए थे। धीरे धीरे सामने आया कि अजमेर के ख्वाजा मुइनिद्दीन चिश्ती दरगाह से जुड़े चिश्ती परिवार के लड़कों ने कई लोगों के साथ मिलकर इस कांड को अंजाम दिया था।

अब कहां है ये केस?
पूरे देश में दहशत और सनसनी का पर्याय बन चुका यह कांड आज भी चल रहा है। केस इतना लंबा खींच गया कि कई लड़कियां अब उम्र दराज हो गईं हैं। कुछ दादी और नानी भी बन चुकी हैं। पिछले साल अदालत में इसी कांड की एक पीड़िता का गुस्सा फूट पड़ा था। वह जज, वकीलों और अदालत में मौजूद आरोपियों पर चिल्लाते हुए बोल उठी कि बार- बार कोर्ट क्यों बुला रहे हो, 30 साल हो गए और मैं अब एक दादी बन गई हूं, आखिर कब तक यह सिलसिला चलता रहेगा।
ये भी पढ़ें
पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, बहाल होगी पुरानी पेंशन प्रणाली