Last Modified: नई दिल्ली ,
शुक्रवार, 29 जनवरी 2010 (21:49 IST)
बाल वेश्यावृत्ति का केंद्र बन रहा है भारत
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत तेजी से बाल वेश्यावृत्ति गिरोह का केंद्र बनता जा रहा है और उसने इस समस्या से निपटने के लिए विशेष जाँच एजेंसी गठित करने का सुझाव दिया।
न्यायमूर्ति दलबीर भंडारी और न्यायमूर्ति एके पटनायक ने सालिसीटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम से बाल वेश्यावृत्ति गिरोह से निपटने के लिए विशेष जाँच एजेंसी गठित करने के विचार का परीक्षण करने को कहा। साथ ही आश्वस्त किया कि सेक्स के कारोबार में बच्चों को लगाने वालों को अदालत जमानत नहीं देगी।
शीर्ष अदालत ने ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसा हो रहा है क्योंकि देश में व्यापक गरीबी है। यह देश में भारी पैमाने पर बेरोजगारी के कारण भी हो रहा है। हमारे सभी सांस्कृतिक लोकाचार नाले में जा रहे हैं। यह इस तरह की गतिविधियों का केंद्र बन रहा है।
शीर्ष अदालत ने जानना चाहा कि सरकार क्यों नहीं उन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार) लगा रही है जो इस तरह के वेश्यावृत्ति गिरोह में बच्चों का शोषण कर रहे हैं।
शीर्ष अदालत ने पूछा कि ज्यादातर यौनकर्मी बच्चे हैं। क्यों नहीं आप उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 376 लगा रहे हैं। अगर आप दस मामलों में ऐसा करेंगे तो वे ताश के पत्तों की तरह बिखर जाएँगे। अदालतें उन्हें जमानत भी नहीं देंगी। (भाषा)