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Written By Author डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

हमारे और उनके ओलम्पिक पदक और कमाई

हमारे और उनके ओलम्पिक पदक और कमाई - Rio Olympics 2016, PV Sindhu, Olympic medal,
#माय हैशटैग
 
पीवी सिंधु ने रियो ओलम्पिक खेलों में भले ही सिल्वर मेडल जीता हो, उनकी कमाई कई देशों के अनेक गोल्ड मेडल जीतने वालों से भी ज्यादा है। भारत आबादी के मान से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, लेकिन पदक तालिका में उसका स्थान 67वाँ रहा। भारत को कुल 2 पदक ही मिले, जबकि कई छोटे-छोटे देश भारत से ज़्यादा पदक ले गए। बहरीन और वियतनाम ने भी 2-2 पदक  जीतकर भारत से आगे अपनी स्थिति दर्ज की। इसीलिए भारत में सिल्वर मेडल जीतने वालीं पीवी सिंधु को जितनी राशि के इनाम मिले, उतनी धनराशि के पुरस्कार तो ओलंपिक खेलों में सर्वाधिक (22) पदक पाने वाले माइकल फेल्प्स को भी शायद ही मिले हों। कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक को भी करोड़ों के पुरस्कार मिल रहे हैं। 
पीवी सिंधु को विभिन्न राज्य सरकारों और संस्थाओं की ओर से 19 लाख डॉलर (13 करोड़ रुपए से ज्यादा) के इनाम की घोषणा हो चुकी है। तेलंगाना सरकार ने सिंधु को 5 करोड़, आंध्रप्रदेश ने 3 करोड़़, दिल्ली सरकार ने 2 करोड़ और हरियाणा सरकार ने 50 लाख रुपए देने की घोषणा की है। इसके अलावा बीपीसीएल ने 75 लाख, बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) ने 50 लाख, एआईएफएफ ने सिंधु के लिए पांच लाख रुपए के इनाम की घोषणा की है।
नकद पुरस्कारों के अलावा सिंधु को बीएमडब्ल्यू कार, महिंद्रा की एसयूवी, 2000 वर्ग मीटर जमीन आदि की घोषणाएं भी हो चुकी हैं। उन्हें सरकारी नौकरी देने का भी प्रस्ताव, उनके कोच को भी नकद पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। सिंधु के पिता को भी प्रमोशन देने का प्रस्ताव है। सिंधु अभी भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) में कार्यरत हैं, वहां भी उनका प्रमोशन किया जा रहा है। 
 
भारत में भारत के पदक विजेताओं की स्थिति भारतीय क्रिकेट सितारों के समान है, जबकि अमेरिका में गोल्ड मैडल पानेवाले को 25000 डॉलर (करीब 17 लाख रुपए) की राशि ही मिलती है। इटली में गोल्ड लानेवाले को 180,000, फ्रांस में 135,000, रूस 65,000 डॉलर के बराबर और चीन अपने देश के लिए गोल्ड लाने वाले को 31,400 डॉलर धनराशि दे रहा है। सिंगापुर में स्वर्ण लाने वालों ने 10 लाख सिंगापुरी डॉलर (करीब 5 करोड़ रुपए) के पुरस्कार मिले हैं। रियो में सिंगापुर को केवल एक गोल्ड ही मिल पाया, जबकि अमेरिका के स्टेनफोर्ड के ही खिलाड़ी कुल 27 पदक जीतकर ले गए।
 
इंडोनेशिया के खिलाड़ियों ने रियो में एक गोल्ड और 2 सिल्वर जीते। वहां सोना जीतने वाले को 5 बिलियन इंडोनेशियाई रुपए (भारतीय मुद्रा में करीब 2 करोड़ 61 लाख) और रजत पदक विजेता को भारतीय रुपए में करीब एक करोड़ के पुरस्कार मिले। अज़रबैजान रियो में 39वें नंबर पर था। वह कुल 18 पदक ले गया, जिनमें 1 गोल्ड, 7 रजत और 10 कांस्य पदक थे। वहाँ स्वर्ण पाने वाले को करीब पौने दो करोड़, रजत पदक विजेता को करीब सवा करोड़ और कांस्य विजेता को करीब एक करोड़ भारतीय रुपए के बराबर मिले हैं।
 
कजाखिस्तान रियो में 3 गोल्ड, 5 रजत और 9 कांस्य पदक जीतकर 22वें नंबर पर रहा। वहाँ भी स्वर्ण पाने वाले को करीब पौने दो करोड़, रजत पदक विजेता को करीब सवा करोड़ और कांस्य विजेता को करीब एक करोड़ भारतीय रुपए के बराबर मिले हैं। दक्षिण कोरिया रियो में 8वें नंबर पर रहा। कुल 17 पदक, 9 गोल्ड, 3 रजत और 9 कांस्य पदक थे। वहाँ भी स्वर्ण पाने वाले को 55,000 डॉलर (करीब साढ़े 37 लाख भारतीय रुपए के बराबर) मिले हैं।
 
भारत की खूबी है कि हम यहां पर अपने खिलाड़ियों को ओलम्पिक की तैयारी के लिए सही माहौल और सुविधाएँ भले ही उपलब्ध नहीं करा सकें, जीतने के बाद उनकी जय-जयकार में कोई कसर नहीं छोड़ते। शायद हम यहीं मात भी खा जाते हैं। ऐसा करने से हम स्टार तो बना देते हैं, खिलाड़ी नहीं बना पाते।
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