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Last Updated : मंगलवार, 10 दिसंबर 2019 (11:32 IST)

Human Rights Day : आखिर क्‍या है और कैसे काम करता है मानवाधिकार आयोग?

Human Rights Day : आखिर क्‍या है और कैसे काम करता है मानवाधिकार आयोग? - human rights day
मॉब लिंचिंग का मामला हो या किसी को मुआवजा दिलाने की बात हो। कोई ऐसी हत्‍या हो जिसे राजनीतिक रंग दे दिया गया हो या फिर लोगों के साथ पुलिस की बर्बरता। या किसी के साथ हुई ज्‍यादती। हर घटनाक्रम के बाद जब बहस होती है तो उसमें मानव अधिकार आयोग की भी बात होती है।

तकरीबन रोजाना खबरें होती हैं कि मानवाधिकार आयोग ने पुलिस को फटकार लगाई। हाल ही में हैदराबाद पुलिस द्वारा दुष्‍कर्म के आरोपियों के एनकाउंटर के बाद मानव अधिकार शब्‍द एक बार फिर से चर्चा में है। राजीव गांधी हत्‍या के मामले में भी आयोग काफी चर्चा में आया था।
 
ऐसे में यह जानना जरुरी है कि आखिर मानव अधिकार आयोग है क्‍या और ये कैसे काम करता है। दरअसल आम लोगों पर जनता की तरफ से या पुलिस या सरकार के किसी तंत्र की तरफ अगर कोई बर्बरता या ज्‍यादती की जाती है तो मानवाधिकार आयोग उन पर नजर रखता है। 
 
क्‍या है मानव अधिकार? 
दरअसल, मानव अधिकार का अर्थ उन सभी अधिकारों से है जो व्‍यक्‍ति के जीवन और उसकी स्‍वतंत्रता, समानता और उसके सम्‍मान से जुडे हैं। यह अधिकार भारतीय संविधान के भाग-तीन में मूलभूत अधिकारों के नाम से साफ़ साफ़ लिखे गए हैं। इसके अलावा वो अधिकार जो अंतर्राष्ट्रीय समझौते के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकार किए गए हैं उन्हें मानवाधिकार माना जाता है। इन अधिकारों में प्रदुषण मुक्त वातावरण में जीने का अधिकार, पुलिस हिरासत में यातनापूर्ण और अपमानजनक व्यवहार न होने का अधिकार, और महिलाओं के साथ सम्‍मानजनक व्यवहार का अधिकार शामिल है।
 
मानवाधिकार आयोग क्या है? 
मानव अधिकार आयोग (28 अक्‍टूबर 1993) के मानवाधिकार अध्‍यादेश के संरक्षण के तहत गठित की गई एक स्‍वायत्‍त और सार्वजनिक संस्‍था है। इसे मानव अधिकार अधिनियम, 1993  द्वारा एक वैधानिक आधार दिया गया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, मानव अधिकारों के संरक्षण और प्रचार के लिए जिम्मेदार है। इस अधिनियम द्वारा परिभाषित जीवन से संबंधित अधिकार, स्वतंत्रता, समानता और संविधान द्वारा गारंटीकृत व्यक्ति की गरिमा या अवतरित अंतर्राष्ट्रीय करार। मानव अधिकार विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग बात है यह स्थैतिक नहीं हैं, बल्कि प्रकृति में गतिशील हैं। नए अधिकार समय-समय पर पहचाने जाते हैं और लागू होते हैं।
 
कैसे काम करता है मानवाधिकार आयोग?
कोई भी पीडित या उसकी ओर से कोई अन्‍य व्‍यक्‍ति आयोग में अपनी याचिका पर सुनवाई और कार्यवाही कर सकता है। इसके अलावा आयोग न्‍यायालय की स्‍वीकृति से न्‍यायालय के सामने लंबित मामलों में हस्‍तक्षेप कर सकता है। आयोग के पास यह शक्ति है कि वह संबंधित अधिकारियों को पहले से सूचित करके किसी भी जेल का निरीक्षण कर सके। आयोग मानवाधिकारों से संबंधी संधियों पर भी ध्यान देता है और उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने के लिए लगातार काम करता है। 
 
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